आरक्षण को लेकर मराठा, मुस्लिम और ढांगर समाज आ सकते हैं एक साथ!

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर जारी हिंसा की आग अभी बुझी नहीं है और सरकार के सामने एक नई चुनौती सामने है। मराठा के बाद अब धनगर आरक्षण का मामला भी गूंजने लगा है। सोमवार को उत्तम जानकर और गोपीचंद पडलकर ने पत्रकारों से कहा कि सरकार को 1 सितंबर से पहले धनगर आरक्षण के बारे में फैसला करना चाहिए, वरना वह भी आक्रामक आंदोलन करेंगे।

कुछ दिनों पहले ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सदन में बताया था कि धनगर आरक्षण को लेकर टाटा सामाजिक संस्था ने सर्वे रिपोर्ट तैयार कर ली है। जल्द ही सरकार को रिपोर्ट मिल जाएगी। उसके बाद राज्य सरकार केंद्र से सिफारिश करेगी। महाराष्ट्र में आरक्षण को लेकर सियासी गहमागहमी भी बनी हुई है।

महाराष्ट्र में सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय की ओर से की जा रही आरक्षण की मांग के बाद अब कांग्रेस नेता ने मुस्लिमों के लिए भी आरक्षण की मांग की है।

महाराष्ट्र में कांग्रेस विधायक अमीन पटेल ने कहा कि मराठा और ढांगर समाज के साथ मुस्लिमों को भी आरक्षण मिलना चाहिए।

अमीन पटेल ने कहा, ‘मराठा और ढांगर समाज के साथ हम मुस्लिमों के लिए भी आरक्षण चाहते हैं। मुस्लिम सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े हैं। और स्पेशल बैकवर्ड कैटगरी-ए के अंदर आते हैं।’

बता दें कि महाराष्ट्र में मराठा समुदाय ने आरक्षण की मांग को लेकर 24 और 25 जुलाई को दो दिनों का विरोध प्रदर्शन किया था।

मराठा आरक्षण के मुद्दे पर महाराष्ट्र के तीन विधायकों ने अब तक इस्तीफा दे दिया है।

हालांकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर शनिवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। साथ ही 25 जुलाई को हिंसक हुए प्रदर्शन के बाद फडणवीस ने कहा था कि वे मराठा समुदाय से बातचीत के लिए तैयार है।

इससे पहले देवेंद्र फडणवीस ने मराठा समुदाय के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) मंत्रियों और पार्टी विधायकों के साथ भी चर्ची की है।