आतंकी गतिविधियों में शामिल हिंदू संगठन ‘सनातन संस्था’ पर बैन लगाएगी महाराष्ट्र सरकार

महाराष्ट्र सरकार ने दक्षिणपंथी हिंदू संगठन सनातन संस्था पर इसके आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार जल्द ही केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजेगी।

सनातन संस्था के सदस्य दो हाईप्रोफाइल मर्डर केस में भी आरोपी है । महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री दीपक केसकर ने कहा कि सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत संस्थान पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।

संगठन का मुखपत्र ‘प्रभात’ भी भड़काऊ लेख लिखने के लिए प्रशासन की नज़र में था। मुखपत्र  प्रभात में एक  विशेष समुदाय को निशाना बनाकर आपत्तिजनक लेख छपे थे।

ठाणे जिले के एक थिएटर में मराठी नाटक पाचपुते के दौरान कथित रूप से बम विस्फोट करने के मामले में संस्था के छह लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। इन गिरफ्तारी के  बाद 2008 में महाराष्ट्र एटीएस ने संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।

एटीएस के तत्कालीन प्रमुख हेमंत करकरे ने महाराष्ट्र और आसपास के राज्यों में दक्षिणपंथी संगठन के नेटवर्क और संदिग्ध आतंकवादी गतिविधियों में इसके शामिल होने का भंडाफोड़ किया था।

महाराष्ट्र के वाशी थियेटर, परभणी, जालना, पूर्णा और मालेगांव, गोवा एवं राजस्थान के अजमेर दरगाह में बम विस्फोट में भी संस्था से जुड़े लोगों का नाम आया था जिसके बाद सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी संस्था पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। साल 2009 में दिवाली की पूर्व संध्या पर मारगांव में हुए बम विस्फोट में भी सनातन संस्था के दो लोग आरोपी थे , इस विस्फोट में तीन लोगों की मौत हो गई थी।

सनानत संस्था पर बैन लगाने के फ़ैसले का जितेंद्र अवहाद स्वागत किया है। जितेंद्र लंबे समय से सनानत संस्था पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के कारण सबसे पहले मैंने ही संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।