यूजीसी की एक समिति ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में ग्रेजुएशन प्रोग्राम में लड़के-लड़कियों के अलग-अलग कक्षाओं में बैठने पर आपत्ति जताई है। उसने कैंपस में तत्काल प्रभाव से को-एड व्यवस्था से पढ़ाई शुरू कराने की केंद्र सरकार से सिफारिश की है।
वही दूसरी तरफ उसने शिया और सुन्नी के अलग-अलग विभाग में पढ़ाई करवाने पर भी आपत्ति जताई है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब शिया और सुन्नी दोनों एक ही धर्म पर आधारित पढ़ाई करवाते हैं तो फिर ये अलग-अलग क्यों है?
ऐसे में इन दोनों विभागों को मर्ज कर दिया जाना चाहिए। यूजीसी की समिति ने केंद्र को सौंपी अपनी रिपोर्ट में तर्क दिया है कि अलग-अलग पढ़ाई करने की वजह से छात्र प्रोफेशनल कोर्स से लेकर नौकरी के दौरान अपनी झिझक कभी दूर नहीं कर पाते हैं और इसका नुकसान उठाना पड़ता है।
एएमयू के विभिन्न मामलों की जांच के लिए यूजीसी ने एक समिति गठित की थी। इसी समिति ने केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी है।
एएमयू के विभिन्न मामलों की जांच के लिए यूजीसी ने एक समिति गठित की थी। इसी समिति ने केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी है।