प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “मेक इन इंडिया” मुहिम के लिए ऐसा लग रहा था कि भारत में विदेशी निवेश के जरिये अब इस प्रोग्राम में चार चाँद लग जाएगी, लेकिन ऐसा न होकर सीधे इसका उलट हो गया। अमेरिका के मोटर निर्माता कंपनी टेस्ला इंक ने कंपनी का नया कारखाना भारत के बजाय अब चीन में खोलने का फैसला किया है। जिससे “मेक इन इंडिया” मुहिम के लिए एक बहुत बड़ा झटका है।
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द वाल स्ट्रीट जनरल की खबर के मुताबिक टेस्ला ने पहली बार अमेरिका से बाहर कारखाना खोलने के लिए चीन के साथ हाथ मिलाया है। टेस्ला की इस निर्णय को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “मेक इन इंडिया” मुहिम के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार चीन में बनने वाले इस कारखाने का मालिक टेस्ला होगा न कि उसे तैयार करने वाला स्थानीय निर्माता।
मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने टेस्ला को किसी भारतीय ऑटोमोबाइल निर्माता के साथ भारत में कारखाना खोलने के लिए प्रस्ताव दिया था।
वहीँ पीएम मोदी ने साल 2015 में टेस्ला के फ्रीमोंट स्थित कारखाने का दौरा भी किया था। इसी साल जून में टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क ने ट्वीट कर बताया था कि टेस्ला इस मसले पर जल्द ही भारत के साथ बातचीत करेगी। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कार कंपनी स्थानीय कारखाने के निर्माण तक आयात से जुड़े जुर्माने और अन्य पाबंदियों में ढील चाहती थी।
बता दें कि पीएम मोदी ने 25 सितंबर 2014 को “मेक इन इंडिया” योजना की शुरुआत की थी। जिसके जरिये कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भारत में निर्माण के लिए प्रेरित किया जाता है। इसके तहत सरकार को उम्मीद है कि “मेक इन इंडिया” से देश में निवेश के साथ साथ रोजगार में भी बढ़ोतरी होगी।