हिंदुत्व और मुसलमानों को लेकर विवादास्पद बयान देना , समझ की कमी का नतीजा: हामिद अंसारी

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने हिन्दुत्व और मुस्लिम समुदाय के बारे में कुछ लोगों और राजनीतिक नेताओं के विवादित बयानों को समझ की कमी का नतीजा बताते हुए कहा कि ऐसे लोग भारत के उस प्रारूप को नहीं जानते, जिस पर सभी गर्व करते हैं।

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श्री अंसारी ने राज्यसभा टेलीविजन के साथ इंटरव्यू में कहा कि मैं किसी राजनीतिक व्यक्ति या पार्टी के बारे में बात नहीं करूँगा, लेकिन जब भी कोई ऐसी टिप्पणी होती है तो मेरी पहली प्रतिक्रिया यह है कि वह व्यक्ति मूर्ख है या पक्षपातपूर्ण है या देश के उस खाके में फिट नहीं होता है। जिस पर भारत को हमेशा गर्व का अहसास होता है।

जो सबको साथ लेकर चलने वाला समाज है। उनसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुछ नेताओं और भाजपा के कुछ मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों के हिंदुत्व और मुसलमानों के बारे में दिए गए विवादास्पद बयान के बारे में सवाल किया गया था और पूछा था कि एक मुसलमान के रूप में वह ऐसे बयानों पर कैसा महसूस करते हैं। श्री अंसारी का यह इंटरव्यू आज शाम प्रसारित किया जाएगा।

उन्होंने इंटरव्यू में विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए। सहिष्णुता के बारे में सवाल पर श्री अंसारी ने कहा कि यह एक अच्छी सुविधा है, लेकिन यह काफी नहीं है। इसलिए आप को सहिष्णुता से आगे कदम उठाते हुए स्वीकृति की ओर बढ़ना होगा।

उन्होंने कहा कि हम सहिष्णुता के बारे में बात क्यों करते हैं क्योंकि आप किसी उस बात को सहन करने की जरूरत महसूस करते हैं। जो शायद आपके हिसाब से नहीं है। उपराष्ट्रपति के रूप में लंबे समय तक काम करने के बारे में श्री अंसारी ने कहा कि एक मानी में हर व्यक्ति राजनीतिक प्राणी होता है, लेकिन उपराष्ट्रपति के रूप में काम करना एक नया अनुभव रहा।

चेयरमेन के रूप में राज्यसभा की कार्यवाही चलाने के संबंध में पूछे गए सवाल पर श्री अंसारी ने कहा कि चेयरमेन किसी मैच रेफरी की तरह होता है, जैसे सदस्यों को नियमों के अनुसार चलना होता है। वैसे ही चेयरमेन को भी नियमों के भीतर रहकर काम करना होता है। इस बारे में पूछे जाने पर कि सदन में हंगामा होने पर सख्त रुख नहीं अपनाया जाता, जबकि कुछ अन्य देशों में सख्त कार्रवाई की जाती है, उन्होंने कहा कि यह भारतीय संस्कृति और सामाजिक वातावरण का परिणाम है।