बांग्लादेश के साथ नहीं बांट सकते तीस्ता नदी का पानी: ममता बनर्जी

बांग्लादेश और भारत के बीच तीस्ता जल संधि के मुद्दे पर एक बार फिर विवाद हो सकता है।

खबर के मुताबिक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीस्ता नदी का पानी पड़ोसी देश के साथ बांटने से साफ़ इंकार कर दिया है।

राष्ट्रपति भवन में भारत और बांग्लादेश के प्रधानमंत्रियों से अलग-अलग बातचीत के दौरान ममते ने कहा है कि बांग्लादेश को पानी ही चाहिए- उसका इंतजाम हो जाएगा। वो उत्तर बंगाल की तीन छोटी पहाड़ी नदियों का पानी वे पड़ोसी मुल्क को दे सकती हैं। ये नदियां बांग्लादेश से गुजर कर बंगाल की खाड़ी में मिलती हैं। साथ ही ममता बनर्जी ने 1000 मेगावॉट बिजली देने की भी पेशकश की है।

ममता ने कहा कि तीस्ता में वैसे भी कम पानी है। जब उत्तर बंगाल में सिंचाई की जरूरत होती है तो पानी मुश्किल से पूरा पड़ता है।

दरअसल, तोर्सा, मनसाई समेत कई पहाड़ी नदियां मानसून में उफनने लगती हैं। दिसंबर तक पानी लबालब रहता है। तब बांग्लादेश में बुआई का मौसम होता है। बंगाल में दो महीने बाद बुआई शुरू होती है, तब तक इन नदियों का पानी खाड़ी में बेकार बह जाता है।

वहीँ पीएम मोदी ने ममता बनर्जी से औपचारिक प्रस्ताव केंद्र को भेजने के लिए कहा है। ममता बनर्जी ने अपने प्रस्ताव में भारत और बांग्लादेश के विशेषज्ञों और राजनयिकों की कमेटी गठित करने की बात उठाई है, जो उत्तर बंगाल की पहाड़ी नदियों की जल संसाधन का अध्ययन कर उसके बेहतर इस्तेमाल के सुझाव देगी।