कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अपमान और दुर्व्यवहार के आरोपों को खारिज करते हुए राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने बुधवार को कहा है कि ममता बनर्जी के आरोप निराधार हैं। यह केवल बंगाल की जनता को भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल करने की कोशिश के अलावा कुछ भी नहीं है।
खबर के मुताबिक़ ममता बनर्जी के आरोपों पर कड़ी टिप्पणी करते हुए त्रिपाठी ने अपने एक बयान में कहा है कि मेरे खिलाफ बयान करने के बजाय मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेट मंत्रियों को राज्य में लॉ एंड ऑर्डर को बहाल करने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को जाति और धर्म के भेदभाव के बिना काम करने की जरूरत है।
राजभवन से जारी बयान में कहा गया है कि राजभवन राज्य सरकार का कोई विभाग नहीं है। यह प्रत्येक नागरिक के लिए खुला हुआ है और कोई भी उनसे संपर्क कर सकता है। यह आरोप सरासर गलत है कि राजभवन भाजपा या फिर संघ आरएसएस कार्यालय बन गया है।
राज्यपाल ने अपने बयान में कहा है कि राजभवन केवल रद्दी कागजात निगरानी करने के लिए नहीं है। गवर्नर या फिर राजभवन में कोई व्यक्ति शिकायत दर्ज करा सकता है। किसी की कोई शिकायत आती है तो गवर्नर हाउस से राज्य सरकार को पेश कर दिया जाता है।
राज्य मंत्री पार्थ चटर्जी के इस बयान पर जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्यपाल ने अपने हदें पार कर दी हैं, त्रिपाठी ने कहा कि यह सब बंगाल सरकार जानबूझ कर जनता का ध्यान असल मुद्दों से दूसरी ओर आकर्षित करने के लिए है। राज भवन से जारी बयान में कहा गया है कि राज्यपाल राज्य शिक्षा मंत्री के बयान पर नाराजगी जताई है।