नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने एक मुस्लिम व्यक्ति के साथ निकाह का हवाला देते हुए एक आरक्षित सीट से पंचायत चुनाव लड़ने के लिए गोंड अनुसूचित जनजाति (एसटी) की महिला के नामांकन को खारिज कर दिया।
शाहिदा तबस्सुम के नामांकन में गडचिरोली में कुर्खेड़ा उप-प्रभाग के एसटी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के लिए उनके प्रतिद्वंद्वी मनोज सिदाम उनके नामांकन को बर्खास्त करने की मांग को लेकर अदालत गए थे।
तबस्सुम ने अपने पैतृक नाम शारदा देवोरा उइके नामांकन दर्ज़ किया था, क्योंकि यह सीट एसटी उम्मीदवार के लिए आरक्षित थी।
याचिकाकर्ता ने बताया कि वह मूल रूप से एक एसटी थीं और विवाह के बाद इस्लाम कुबूलने के बाद मुस्लमान हो गई इसलिए वह गैर-एसटी हो गई और इस तरह वह चुनाव लड़ने के अपात्र है।
न्यायमूर्ति भूषण धर्मधिकारी और जका हक की खंडपीठ ने कहा कि मामले के तथ्यों और एससी फैसले में प्रस्तावित प्रस्ताव पर विचार करते हुए यह माना जाता है कि महिला एसटी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के लिए योग्य नहीं है।