पद्म विभूषण एयरफोर्स मार्शल अर्जन सिंह का दिल का दौरा पड़ने से निधन

पद्म विभूषण से सम्मानित भारतीय वायु सेना के मार्शल अर्जन सिंह का आज दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वो 98 वर्ष के थे। उनका दिल्ली के आर्मी अस्पताल में इलाज चल रहा था।

अर्जन सिंह पहले मार्शल थे, जिन्हें 44 की उम्र में ही वायु सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था। खास बात यह है कि चीन के साथ युद्ध में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी।
अर्जन सिंह सेना के 5 स्टार रैंक वाले ऑफिसर थे। यह रैंक अभी तक फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ और फील्ड मार्शल के एम. करियप्पा के पास थी। ये तीनों भारतीय वायुसेना के ऐसे सेनानी थे, जो कभी रिटायर नहीं हुए।
15 अप्रैल 1919 को लायलपुर (पाक) में जन्मे अर्जन सिंह ने अपनी शिक्षा पाक के मोंटगोमरी में पूरी की थी। 19 साल में वो पायलट ट्रेनिंग कोर्स के लिए चयनित हो गए थे। चीन से 1962 की लड़ाई के बाद 1963 में वो वायु सेना उप-प्रमुख बने।
यह अर्जन सिंह ही थे, जिन्होंने 15 अगस्त 1947 को लाल किले के ऊपर से वायु सेना के 100 से ज्यादा विमानों के फ्लाइ-पास्ट का नेतृत्व किया था।  पाक के खिलाफ युद्ध में अहम भूमिका निभाने के बाद उनके वायु सेना प्रमुख के रैंक को बढ़ाकर पहली बार एयर चीफ मार्शल किया गया।