पाकिस्तान अपनी नापाक हरक़त से बाज़ नहीं आ रहा है। बीते कल कश्मीर के पुंछ ज़िले के लाइन ऑफ़ कंट्रोल पर पाकिस्तानी सेना के हमले में दो जवान शहीद हो गए हैं। शहीदों में पंजाब के नायब सूबेदार परमजीत सिंह भी शामिल हैं।
अमृतसर से 40 किलोमीटर दूर तरणतारण के वईंपुईं गांव के परमजीत सिंह के परिवार के लिए ये ख़बर दुखों का पहाड़ है। परिवार सदमे में है। परमजीत के परिवार में बुज़ुर्ग माता पिता हैं। उनकी पत्नी और तीन बच्चे हैं। तीन बच्चों में दो बेटियां हैं- 14 साल की और 12 साल की। परिवार में एक छोटा भाई भी है।
परमजीत सिंह परिवार में इकलौते कमाने वाले थे। भले ही घरवालों ने अपना सबकुछ खो दिया हो लेकिन पूरे परिवार को फख़्र है कि उनका बेटा सीमा की रक्षा करते हुए शहीद हुआ है।
बेटे की शहादत पर परिवार गौरान्वित है लेकिन गुस्सा है सरकार के ख़िलाफ़।
परमजीत के भाई रंजीत ने मीडिया से कहा, “हम चाहते हैं कि भारत सरकार पाकिस्तान को करारा जवाब दे। सर्जिकल स्ट्राइक से कुछ नहीं हुआ तो अब युद्ध होना चाहिए। हमारे जवान और हमारा पूरा गांव इसके लिए तैयार है।”
परमजीत सिंह के पिता उधम सिंह ने ये कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री को पाकिस्तान के नेताओं से बातचीत बंद कर देनी चाहिए और गंभीरता से पाकिस्तान पर कार्रवाई करनी चाहिए।
परमजीत सिंह की मां देविंदर कौर और पत्नी परमजीत कौर गहरे सदमे में हैं। रंजीत सिंह कहते हैं, “हमें गर्व है कि हमारा भाई सीमा पर शहीद हुआ है। लेकिन उसकी मौत व्यर्थ नहीं जाए, ये सरकार को देखना होगा।”
रंजीत सिंह बताते हैं कि भाई छह महीने पहले ही घर आए थे। रंजीत के मुताबिक परमजीत लाइन ऑफ़ कंट्रोल से जुड़े अपने अनुभव लोगों को दिलचस्पी से बताते थे।
परमजीत इलाके के युवाओं की प्रेरणा हैं लेकिन उनकी शहादत पर गर्व के साथ लोगों में गुस्सा भी है। परिवार के साथ लोगों की भी मांग है कि अब सरकार पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे क्योंकि शहीदों को असली श्रद्धांजलि यहीं होगी।