एक हजार भारतीय शिक्षकों ने परिवार के साथ 26 जुलाई को मास आत्महत्या करने की दी धमकी

नई दिल्ली : असम के पूर्वोत्तर राज्य में 1,514 शिक्षकों का कहना है कि वे प्रशासनिक दोष के कारण वर्षों से अपने वेतन से वंचित हैं। उन्होंने राज्य के साथ-साथ केंद्रीय प्रशासन के लिए असंख्य अनुरोध जमा किए हैं, लेकिन उनकी समस्या अभी हल नहीं हुई है। शिक्षकों ने अपने परिवारों के साथ 26 जुलाई को बड़े पैमाने पर आत्महत्या करने की धमकी दी है।
अखिल असम वेतन वंचित सहायक शिक्षक संघ के सचिव बसंत नियोग ने बताया, ‘प्राथमिक स्कूल शिक्षकों को उचित वित्तीय मंजूरी के साथ राज्य सरकार द्वारा नियुक्ति पत्र दिए गए थे। हालांकि, 2006 में, उन्हें अवैध रूप से नियुक्त करने की घोषणा की गई थी।’
20-24 वर्षों के लिए काम कर रहे करीब 12,000 शिक्षकों को 2006 में मनमाने ढंग से निलंबित कर दिया गया था। नियोग ने कहा कि कुछ शिक्षकों को 1996 और 2001 के बीच असम की अगुवाई वाली सरकार द्वारा नियुक्तियां दी गई थीं।
 एसोसिएशन के एक अन्य प्रतिनिधि रामन साइकिया ने कहा ‘शिक्षक 1996 तक नियमित रूप से अपना वेतन प्राप्त कर रहे थे। इसे थोड़ी देर के लिए रोक दिया गया था, लेकिन सरकार ने 2001 से फिर से अपना वेतन शुरू कर दिया, लेकिन 2006 में असम सरकार ने अवैध नियुक्ति की घोषणा के बाद हमारे वेतन को रोक दिया,।
घोषणा के बावजूद उनकी नियुक्ति अवैध थी, ये 12,000 शिक्षक नियमित रूप से कक्षाएं चला रहे थे।