ज़ाकिर के समर्थन में उतरा सोशल मीडिया,यूज़र्स बोले- UP में अघोषित इमरजेंसी लागू

यूपी के मुज्जफरनगर से गिरफ़्तार किए गए ज़ाकिर अली त्यागी को लेकर सोशल मीडिया में जबरदस्त गुस्सा देखने को मिल रहा है। पुलिस ने ज़ाकिर अली त्यागी को फेसबुक पर शहीद दरोगा अख़्तर अली की डीपी लगाने के आरोप में गिरफ़्तार किया है । पुलिस इसे धोधाधड़ी का मामला बता रही है। ज़ाकिर अली की गिरफ्तार पहले सोशल मीडिया पर गंगा नदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के ऊपर अमर्यादित टिप्पणी करने के मामले में हुई थी लेकिन बाद में पुलिस ने इसे शहीद दरोगा की फोटो से जोड़ दिया।
ज़ाकिर अली त्यागी की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया में #istandwithzakialityagi ‘ ट्रेड करने लगा। फेसबुक और ट्वीटर पर लगातार लोग ज़ाकिर की गिरफ्तारी को यूपी पुलिस की तानाशाही करार दे रहे हैं।
फेसबुक पर,  पत्रकार  मोहम्मद अनस लिखते हैं- कि ज़ाकिर अली त्यागी नामक शख्स की गिरफ्तारी उत्तर प्रदेश की पुलिस और सरकार की तानाशाही दर्शाती है। हम अब रियल लाइफ के अपने आदर्शों की तस्वीर फेसबुक पर नहीं लगा सकते। हम गाँधी और अंबेडकर तथा भगत सिंह को अपना आदर्श नहीं मान सकते। हमें आदर्श मानना होगा तो सिर्फ योगी आदित्यनाथ और नरेंद्र मोदी को। मोहन भागवत और हेडगेवार को। उत्तर प्रदेश पुलिस ने ज़ाकिर अली त्यागी को शहीद पुलिस कर्मी की तस्वीर पोस्ट करने के आरोप में चार सौ बीसी का जो केस दर्ज किया है यदि उसमें हिम्मत है तो वह मुझ पर भी इसी केस के तहत मुकदमा दर्ज करे। मैं भी शहीद दारोगा की फोटो पोस्ट कर रहा हूं। आओ पुलिस मुझे पकड़ो। मैं जमानत भी नहीं लूंगा। डालो मुझे जेल में।
बीबीसी के पत्रकार दिलनवाज़ पाशा ने लिखा है कि उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फ़रनगर में पुलिस ने एक युवक को बिना किसी शिकायत के इसलिए गिरफ्तार कर लिया क्योंकि उसने एक शहीद पुलिसकर्मी की तस्वीर प्रोफ़ाइल पिक्चर में लगा रखी थी, दिलनवाज़ लिखते हैं कि पुलिस का कहना है कि किसी और की तस्वीर डीपी में लगाना धोखाधड़ी है इसलिए अभियुक्त को चार सौ बीसी में गिरफ़्तार किया गया। अब सवाल ये है कि जो लोग माननीय सीएम की तस्वीर डीपी में लगाकर कमेंट में धमका कर चले जाते हैं उनका क्या होगा?
ज़ाकिर अली के समर्थन में सोशल मीडिया में लोग शहीद दरोगा अख़्तर अली की फोटो डीपी में लगा रहे हैं।

पत्रकार वसीम अकरम त्यागी ने अपनी  डीपी मे दरोगा अख्तर अली की फोटो लगाते हुवे लिखते हैं , “शहीद अख्तर अली की फोटो ही विरोध है अब क्योंकि महज इस तस्वीर के आधार पर 420 का मुकदमा दायर किया गया है। यह वही शहीद दरोगा है जिसकी फोटो जाकिर अली त्यागी ने लगा रखी थी। और इसी आधार पर उस पर 420 का मुकदमा दर्ज हो गया।”

सोशल एक्टिविस्ट  फराह शाकेब ने लिखा है कि शहीद दारोग़ा अख़्तर अली की इस तस्वीर को ज़ाकिर अली त्यागी द्वारा अपनी प्रोफ़ाइल पर लगाने के कारण उसे 420 के अपराध में पुलिस ने जेल में डाला है। आप सब इस अत्याचार के विरुद्ध इसी तस्वीर को अपनी प्रोफ़ाइल फ़ोटो बनाइये। दस हज़ार लोगों की प्रोफ़ाइल फ़ोटो इसी तस्वीर को बनवाने का लक्ष्य निर्धारित है।
साथ दीजिये, सहते सहते मरने से अच्छी है लड़ाई, ओ भाई हाथ बढ़ा, ओ बहना हाथ बढ़।

 

पेशे से डॉक्टर, उमर फ़ारूक़ आफरीदी  लिखते हैं,  विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ज़ाकिर अली त्यागी  की फेसबुक प्रोफाइल तीन महीने से आईटी सेल की निगरानी में थी जिस वजह से उनको गिरफ्तार किया गया है , गौरतलब है कि तीन महीने पहले प्रदेश में अखिलेश सरकार थी तो ज़ाहिर बात है ज़ाकिर जैसे बहुत से लड़को की फेसबुक प्रोफाइल्स को अखिलेश सरकार में ही चुन चुन कर निशाना बनाने की तैयारी की जा रही थी जिसको अब योगी सरकार आने पर उनपर अनावश्यक कार्यवाही कर मात्र इम्पलीमेंट किया जा रहा है इसलिए मेरी आप सबसे अपील है कि मात्र योगी सरकार को निशाना बनाना बंद कीजिये आपकी कब्र तो कथित आपके ही चाहने वाले सेकुलरिज्म के ठेकेदारों ने खोद कर रखी है अब तो बस आपको उसमे पहुँचाने की होड़ लगी है, वैसे आपको बताता चलूँ स्वयं ज़ाकिर भाई भी अखिलेश के बड़े हिमाइतियो में रह चुके हैं उम्मीद है कि वो भी अब अपने पीठ में खंजर मारने वालो के चेहरे साफ़ पहचान पाएंगे ।।

मोहम्मद ज़ाहिद  लिखते हैं, शहीद पुलिसकर्मी अख्तर अली के फोटो को डीपी में लगाना कोई अपराध नही , मैने यह अपने अधिवक्ता से जानकारी प्राप्त की है , पुलिस को तो बस एक बहाना चाहिए था. योगी जी आई स्टिल लव यू…..

 

वही फेसबुक यूज़र अबरार खान ने भी शहीद दरोगा अख्तर अली की डीपी लगाते हुए लिखा है कि मैने आज तक अपनी प्रोफाइल पे कभी किसी की फोटो नहीं लगाई और न ही कभी किसी कैंपेन का हिस्सा बना । शहीद इंस्पेक्टर के लिए भी मुझमें कोई हमदर्दी नहीं है क्यूँ कि वर्दी से ही मुझे घिन आती है उसके बावजूद मैं आज ये प्रोफाइल यूपी पुलिस के विरोध स्वरूप लगा रहा हूँ और आप लोगों से भी अनुरोध करता हूँ कि ज्यादा नहीं तो कुछ घंटों के लिए ही ज़ाकिर अली के समर्थन इस फोटो को अपनी डीपी बनायें और यूपी पुलिस को बतायें हम डरपोक नहीं हैं जुल्म के आगे झुकने वाले नहीं हैं ।
यूपी पुलिस की ये तानाशाहीपूर्ण कार्यवाही उसके लिए गले की हड्डी बनती जा रही है । क्योंकि अब लोग खुलकर इस गिरफ़्तारी का विरोध कर रहे हैं। शायद के देश में कोई पहला मामला होगा जब किसी युवक को शहीद की डीपी लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।