नहीं मिली ऐम्बुलेंस तो गर्भवती महिला को दरोगा ने गोदी में उठा पहुचाया अस्पताल, फोटो वायरल

यूपी पुलिस के एक दरोगा ने मथुरा में वो काम कर दिखाया जिसके बारे में आमतौर पर पुलिस से उम्मीद नहीं की जाती है। इसके पीछे की वजह भी है कि पुलिस ने आम लोगों के बीच अपनी छवि इस तरह की बना रखी है जिससे लोगों का भरोसा पुलिस में कम है। लेकिन इसके उलट मथुरा में एक पुलिस दरोगा ने एक गर्भवती महिला को अपनी गोद में उठाकर अस्पताल पहुंचाया। इस मामले में पुलिस की भूमिका की लोग खासी तारीफ कर रहे हैं।

बताया जा रहा है पुलिस का ये दरोगा यूपी के हाथरस में तैनात है और उसका नाम सोनू राजौरा है। ये दरोगा किसी काम से मथुरा आए थे मथुरा छावनी स्टेशन पर उतरकर देखा कि उन्हें यहां एक महिला प्रसव पीड़ा से कराहती दिखी, महिला को लोगों ने चारों तरफ से घेर रखा था लेकिन कोई मदद को आगे नहीं आ रहा था।

दरोगा सोनू की नजर पड़ी तो उन्होंने तुरंत एम्बुलेंस को कॉल किया लेकिन फोन करने के काफी समय बाद तक एम्बुलेंस का अता पता नहीं था। वहीं महिला की प्रसव पीड़ा बढ़ती ही जा रही थी और वो दर्द से कराह रही थी। कुछ ना होते देखकर दरोगा सोनू उसे ई रिक्शा में बैठा कर जिला अस्पताल के इमरजेंसी रूम में पहुंचे।

लेकिन जिला अस्पातल में डॉक्टरों ने उसकी हालत देखकर कहा कि इसे महिला अस्पताल ले जाओ। लेकिन वहां पर स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं था। महिला का हाल बुरा हो चुका था और उसकी दर्द बढ़ता ही जा रहा था। मगर अस्पताल प्रशासन महिला को स्ट्रेचर नहीं उपलब्ध करा पा रहा था। ये देखकर दरोगा सोनू राजौरा ने बगैर देरी के महिला को अपनी गोद में उठाया व उसे महिला अस्पताल में पहुंचाया।

बाद में महिला अस्पताल में महिला ने एक पुत्र को जन्म दिया, दोनों  जच्चा-बच्चा स्वस्थ हैं। पुलिस के इस मानवीय रूप को को देखकर लोग तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। मामले का शर्मनाक पहलू ये कि बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का दावा करने वाला स्वास्थ्य विभाग न तो समय पर एम्बुलेंस उपलब्ध करा पाया और ना ही स्ट्रेचर।

अगर दरोगा सोनू इस मामले में पहल नहीं करता तो शायद उस महिला और उसके बच्चे की जान पर बन आती, मगर ऐसा नहीं हुआ क्योंकि कहा भी गया है कि- ‘जाको राखे साइंया मार सके ना कोय।’