नई दिल्ली: देश में दलितों, आदिवासियों और मुस्लिम अल्पसंख्यक पर हो रहे लगातार ज़ुल्म और नाइंसाफी के संदर्भ में आज जमीअत उलेमा ए हिन्द के नेतृत्व में एक बैठक को संबोधित करते हुए मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि नफरत की राजनीति का मुकाबला करने के लिए हमारे पास कोई दूसरी चीज़ नहीं है।
Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करिये
सिवाए इसके कि हम पहले अपनी सफों में एकता पैदा करें उसके बाद एकजुटता और सहिष्णुता के जज्बे के साथ दुसरे हमारी तरह सोचने वाले लोगों, पार्टियों और संगठनों के बीच संपर्क बढाने की सकारत्मक कोशिश करें। मोहब्बत के फलसफा को आम करें और लोगों को यह बतायेंगे कि आग से आग को नहीं बुझाया जा सकता है।
नफरत की राजनीति का जवाब नफरत की राजनीति नहीं हो सकती बल्कि उसके लिए हमें मोहब्बत की पहल करनी होगी। इस मौके पर जमीअत उलेमा ए हिन्द के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने भाषण देते कहा कि एक बात पर सभी लोगों का सहमती है कि देश कि स्थिति बेहद चिंताजनक है और रणनीति इस बात पर राज़ी है कि हम सब मिलकर काम करें। उन्होंने कहा कि बात सिर्फ धर्म और जाति की आधार पर हो रहे हमलों तक सीमित नहीं है बल्कि देश की अर्थ वयवस्था, किसानों की ख़ुदकुशी और नौजवानों की बेरोज़गारी ने स्थिति और बदतर कर दिए हैं।