आतंकवाद के मुद्दे पर जमीयत चीफ़ अरशद मदनी ने दिल्ली पुलिस और मीडिया को खरी-खरी सुनाई

दिल्ली पुलिस की स्पेशल पर जमीअत चीफ़ मौलाना सैयद अरशद मदनी ने बेक़सूर मुस्लिम नौजावानों को फंसाने का इलज़ाम लगाया है. उन्होंने कहा कि सोची समझी साजिश के तहत खतरनाक आतंकवादी संगठन के तार मुस्लिमों से जोड़े जाते हैं.

अरशद मदनी का यह बयान शाकिर अंसारी के रिहाई के बाद आया है जिन्हें पिछले पिछले साल देवबंद से आतंकवाद के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

मौलाना सैयद अरशद मदनी ने आगे कहा कि पुलिस को गिरफ्तार करने से पहले पूरी जांच कर लेना चाहिए लेकिन अक्सर यह देखा गया है कि शक के आधार पर ही पुलिस किसी को भी आतंकवाद का आरोप लगाकर गिरफ्तार कर लेती है.

उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने तक आरोपियों को जेल में रखा जाता है और उन्हें तरह-तरह की यातनाएं दी जाती हैं. इससे आरोपी और उसके परिवार का जीवन बर्बाद हो जाता है.

मौलाना मदनी ने कहा कि जब शाकिर अंसारी को गिरफ्तार किया गया था तो मीडिया खासकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने उसका ट्रायल करना शुरू कर दिया था. इस मामले की आड़ में देवबंद को बदनाम करने की कोशिश की जा रही थी.

अदालत का आज का फैसला उनके पक्षपाती मीडिया के लिए भी एक सबक है कि वह अपनी  मानसिकता को बदले और अदालत का फैसला आने तक किसी भी आरोपी को अपनी ओर से दोषी बनाकर पेश करने से बचें.