नई दिल्ली: सेना के प्रमुख बिपिन रावत के जरिये असम में मुस्लिम नेतृत्व पर आधारित आल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के विकसित होने को बंगलादेशी घुसपैठ को कारण बताया था। पार्टी प्रमुख मौलाना बदरूद्दीन अजमल कासमी ने अपने सांसद व विधायक के साथ राष्ट्रपति भवन पहुंचकर राष्ट्रपति से इस विवादित बयान के खिलाफ शिकायत दर्ज की।
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मौलाना अजमल ने 13 सदस्यों के दस्तखत पर शामिल एक मेमोरंडम राष्ट्रपति को दिया और कहा कि हम सेना का दिल से सम्मान करते हैं मगर सेना के प्रमुख के जरिये हमारी पार्टी के खिलाफ जो बयान इडया गया वह कन्फ्यूजन पैदा कर रहा है। इस लिए राष्ट्रपति इस मामले में हस्तक्षेप करें और बयान पर सफाई मांगे।
इस मेमोरंडम में पिछले महीने देश मौजूदा सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के ज़रिये एआइयुडीएफ के संबंध से दिए गए एक आपत्तिजनक बयान पर अपना एतराज़ और विरोध दर्ज करवाया और एक सेना प्रमुख के इस राजनीतिक बयान से एक सेकुलर और लोकतांत्रिक मूल्यों की प्रतीक एआईयूडीएफ जैसी पार्टी को होने वाले नुकसान से अवगत कराया और मांग किया कि सेना प्रमुख को अपने बयान पर सफाई देनी चाहिए और चिंता व्यक्त करना चाहिए।