मौलाना बरकती का इमामत छोड़ने से इंकार, कहा- मस्जिद कमेटी ग़ैर कानुनी, हटाने का कोई अधिकार नहीं

कोलकाता: वक्फ स्टेट ऑफ प्रिंस ग़ुलाम मोहम्मद के ज़रिए इमामत से बर्खास्त किए जाने को अवैध बताते हुए मौलाना बरकती ने पद को छोड़ने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि समिति को मुझे बर्खास्त करने का कोई अधिकार नहीं है।

Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करिये

न्यूज़ नेटवर्क समूह न्यूज़ 18 के अनुसार बर्खास्त के बावजूद इमामत का कर्तव्य अंजाम दे रहे मौलाना नूर रहमान बरकती ने मस्जिद परिसर में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि ट्रस्टियों को मुझे बर्खास्त करने का कोई अधिकार नहीं है.

क्यूंकि समिति के खिलाफ अदालत में मामला चल रहा है और इस समिति की मुद्दत पूरी हो चुकी है अदालत ने दूसरे कार्यकाल के लिए समिति का गठन नहीं किया है. इस लिए उन्हें ऐसे कदम का कोई नैतिक औचित्य नहीं है।

मौलाना बरकती ने कहा कि मैं तीन दशकों से टीपू सुल्तान मस्जिद के पद पर इमामत कर रहा हूँ. इस मुद्दत में टीपू सुल्तान मस्जिद की प्रतिष्ठा देश भर में ऊँचा किया. टीपू सुल्तान मस्जिद मंच हमेशा मुसलमानों के मिल्ली समाधान निकाला है, जब सरकारों ने मुसलमानों के साथ दुर्व्यवहार की कोशिश की हमने बिना कोई ठहराव के सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद किया, और मुसलमानों की समस्याओं के साथ कभी समझौता नहीं किया।

उन्होंने कहा कि जब लाउडस्पीकर पर अज़ान का समस्या पैदा हुआ या फिर अंग्रेजी रोज़नामा स्टेट्समैन के हर अवसर पर मैं आगे था. गुस्ताख रसूल तसलीमा नसरीन के खिलाफ किसने आवाज़ उठाई और कोलकाता से भगाने में किसने भूमिका निभाई?।

मौलाना ने सवाल किया कि क्या कभी किसी इमाम को हटाने के लिए प्रेस सम्मेलन किया गया। उन्होंने कहा कि यह मेरी नहीं बल्कि इमामत का अपमान है, और यह लोग इमाम को कठपुतली बनाकर रखना चाहते हैं। मौलाना ने कहा कि मुझ पर देश विरोधी होने का बेहूदा आरोप आयद किया जा रहा है जो सरासर गलत है, मैं देश के कानून और संविधान में विश्वास रखता हूँ और संवैधानिक पद पर लोगों का दिल से सम्मान करता हूँ।