योगी की पुलिस सिर्फ एक ख़ास वर्ग के लोगों को ही परेशान कर रही है: मौलाना कल्बे जव्वाद

लखनऊ: अवैध बूचड़खाने और गैर लाइसेंसी दुकानों के खिलाफ पुलिस की कार्यवाही ने ऐसे मांस कारोबारियों में भी दहशत पैदा कर दी है जिनके पास लाइसेंस हैं लेकिन रेन्युवल नहीं हुए हैं। पुलिस के साथ स्वास्थ्य विभाग की कार्यवाही के डर से मटन और चिकन दुकानदारों ने भी अपनी दुकानें बंद कर रखी हैं। इसका सीधा असर मांस व्यापार के साथ साथ रोजगार पर भी दिख रहा है।

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इस मामले पर प्रमुख शिया आलिम मौलाना कल्बे जव्वाद का कहना है कि पुलिस बिना किसी आदेश के छोटे गोश्त कारोबारियों और व्यापारियों पर कार्यवाही कर रही है, जिससे एक खास वर्ग के लोग परेशान हैं।

दरअसल पुलिस की कार्यवाई से डरे हुए लाइसेंसधारी मांस कारोबारियों का कारोबार ही प्रभावित नहीं हुआ है बल्कि दुकानों और होटलों पर काम करने वालों के रोजगार पर भी बुरा असर पड़ा है।

लाइसेंस वाले मांस दुकानदार अवैध बूचड़खाने और दुकानों के खिलाफ पुलिस की कार्यवाही का समर्थन करते हैं, लेकिन लाइसेंस विक्रेताओं को भी परेशान किए जाने से परेशान हैं और सरकार से लाइसेंस प्रणाली में सुधार किए जाने की मांग कर रहे हैं।

वहीं लाइसेंस जारी करने वाले विभाग के ज़िम्मेदार खुद स्वीकार करते हैं कि अधिकांश मांस कारोबारियों के पास लाइसेंस हैं लेकिन रेंयुइवल न होने से सरकारी विभागों और पुलिस कार्यवाही के निशाने पर हैं।

उधर ऑल इंडिया माइनोरिटीज़ मंच ने भी सरकार से मांग की है कि वह मांस के छोटे व्यापारियों और उन समस्याओं पर गंभीरता से विचार करे जिनके लिए रोज़ीरोटी की समस्याएं पैदा हो गई हैं।

मंच के अध्यक्ष डॉ अम्मार रिजवी ने कहा है कि मांस बेचकर गुजर बसर करने वाले गरीब और जरूरतमंद लोगों को सुविधा प्रदान करना सरकार की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जहां कहीं नियमों का उल्लंघन हो रहा है वहाँ प्रतिबंध ज़रूर लगाई जाए लेकिन अनावश्यक रूप से लोगों को परेशान भी न किया जाए। उन्होंने कहा है कि इस मामले में फॉर्म के प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें पूरी स्थिति से परिचित कराएगा।

वहीं शिया के प्रमुख धर्मगुरू मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में मांस व्यापारियों के साथ अन्याय किया जा रहा है। बिना किसी आदेश के पुलिस छोटे मांस विक्रेताओं और व्यापारियों पर कार्रवाई कर रही है जिस से एक विशिष्ट वर्ग के लोग परेशान हैं।