बिहार पुलिस में अधिकतर लड़कियों को चुनने पर लड़कों में गुस्सा, निकाला ‘आक्रोश मार्च’

पटना: बिहार में सिपाही पद के लिए हुई बहाली में महिलाओं ने ज़बरदस्त क़ामयाबी हासिल करते हुए 2 तिहाई पदों पर अपना कब्ज़ा जमा लिया है. महिलाओं के इस कामयाबी के बाद लड़कों में गुस्सा भड़क उठा है और इसके खिलाफ सड़कों पर उतर आएं हैं.

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11 जून को 9,900 सिपाहियों की बहाली के नतीजे आये थे. इन पदों के लिए 6,643 महिलाओं और 3,196 पुरुषों का चयन हुआ है. यानी 67.52 फ़ीसदी पदों पर महिलाएं चुनी गई हैं. जबकि पुरुष महज 32.48 फ़ीसद पदों पर ही चयनित हुए. बता दें कि ऐसा पहली बार है जब बिहार पुलिस की बहाली में महिलाएं दो-तिहाई से अधिक पदों पर चुनकर आई हैं.

लड़कियों के अधिक चुने जाने पर पुलिस महानिदेशक के.एस. द्विवेदी ने कहा है कि इस बार की परीक्षा में महिलाओं का दो-तिहाई पदों पर चुन कर आना आरक्षण नहीं, बल्कि उनकी योग्यता के दम पर संभव हुआ है.

के.एस. द्विवेदी ने बीबीसी से बातचीत के दौरान बताया कि अनुसूचित जाति वर्ग की महिलाओं को छोड़कर अन्य किसी वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षण के उपभोग की आवश्यकता ही नहीं पड़ी. मतलब ये कि हर वर्ग में जितनी रिक्तियां थीं, उसपर महिलाएं अपनी मेरिट की बदौलत चयनित हुई हैं.

बता दें कि बिहार सरकार ने जनवरी 2016 में महिलाओं को हर प्रकार की सरकारी नौकरियों में 35 फ़ीसदी आरक्षण देने का फ़ैसला किया था. जबकि पुलिस की बहालियों में तो ये आरक्षण इस फ़ैसले के पहले से ही लागू था.