लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अम्बेडकर जयंती के अवसर पर मायावती के किसी पार्टी के साथ गठबंधन के एलान पर प्रतिक्रिया देते हुए 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा के साथ गठबंधन करने के संकेत दिए है। अलिखेश यादव ने साफ किया कि वो चुनाव परिणाम आने से पहले ही कह चुके थे कि वो गठबंधन के तैयार हैं। अखिलेश यादव ने सपा कार्यालय में पार्टी के सदस्यता अभियान के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। अखिलेश ने कहा कि, देश में जहां-जहां संगठन हैं वहां सदस्यता अभियान होगा। दो महीने सदस्यता कार्यक्रम चलेगा। कोशिश होगी हर वर्ग तक पार्टी पहुंचे। अखिलेश ने कहा कि ‘ये सदस्यता अभियान घरों तक ले जाया जाएगा, इसी बहाने सपा के पांच वर्षों में हुए काम भी बताने को मिलेगा। जनता के साथ बैठेंगे और बातचीत करेंगे। सदस्यता का काम पर्ची काटकर करेंगे। मिसकॉल और सोशल मीडिया के जरिए लोगों से जुड़ने का काम किया जाएगा। इस दौरान अखिलेश ने कहा कि झूठ के खिलाफ हम किसी से भी गठबंधन करने को तैयार हैं।’ अखिलेश का दावा है कि ‘प्रत्याशियों से उनकी मुलाकात में पता चला कि जनता को धोखा देकर सरकार बनाई गई है। जाति और धर्म के नाम पर बरगलाया गया। वहीं ईवीएम में शिकायत की खबरें भी आईं। लोगों ने वोट दिए तो उन्हें पता ही नहीं चला।’ अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग को इस बाबत देने को कहा। अखिलेश यादव ने कहा कि ‘हम तो शिकायत कर रहे हैं सॉफ्टवेयर में कभी भी समस्या आ सकती है। जैसे अभी सैमसंग के फोन में भी हुआ था। ईवीएम मशीन है और मशीन पर कोई भरोसा नहीं कर सकता है। जब आपके अधिकारी कह रहे हैं कि कैलिब्रेशन में गड़बड़ हो सकती है तो हम कैसे भरोसा कर लें।’
मायावती ने अंबेडकर जयंती के अवसर पर कार्यकताओं और जनता को संबोधित करते हुए कहा कि वो लोकतंत्र बचाने के लिए किसी भी दल के साथ गठबंधन करने को तैयार हैं। चुनावी रैलियों में मायावती ने अखिलेश को यूपी का बबुआ कह के उनपर जमकर निशाना साधती थी लेकिन जब चुनाव परिणाम आने से कुछ दिनों पहले ही मायावती अखिलेश के साथ आने के लिए तैयार हो गई। अब देखना होगा कि यूपी को ये साथ कितना पसंद है?