बसपा, सपा व रालोद का संयुक्त चुनावी अभियान नवरात्र के शुभ मौके पर शुरू होगा। इन तीन शीर्ष नेताओं की पहली रैली सहारनपुर के देवबंद में 7 अप्रैल को होगी। इसके बाद तीनों दल एक दर्जन सीटों पर रैलियां करेंगे।
वहीं 8 अप्रैल को मेरठ लोकसभा सीट के लिए अखिलेश-मायावती संयुक्त प्रचार करेंगे. दरअसल अखिलेश और मायावती ने चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत सहारनपुर से करने की प्लानिंग इसलिए की ताकि मुस्लिम और दलित वोट बैंक को संदेश दिया जा सके.
यूपी के पहले चरण में 2 साझा जनसभाएं आयोजित होंगी. 9 अप्रैल को नगीना लोकसभा सीट में संयुक्त रैली होगी. सपा- बसपा व राष्ट्रीय लोक दल के पार्टी प्रमुख विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे. पार्टी सूत्रों के मुताबिक मायावती और अखिलेश यादव एक दर्जन संयुक्त रैलियां करेंगे. जिसमें चौधरी अजीत सिंह भी शामिल होंगे.
सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश से इन संयुक्त रैलियों की शुरुआत नवरात्र के पवित्र दिनों में होगी। इस तरह की रैलियां पूरे सूबे में होंगी, जिसमें गठबंधन के नेता संयुक्त रूप से मंच साझा करेंगे।
दूसरी रैली आठ अप्रैल को मेरठ और तीसरी नौ अप्रैल को नगीना में आयोजित की जाएगी। इनमें भी गठबंधन के सभी नेता एक साथ मंच *पर होंगे। गठबंधन में सहारनपुर सीट बसपा कोटे में गई है। पहले चरण के मतदान वाली सीटों में सहारनपुर भी है। इस सीट से एक अल्पसंख्यक वर्ग के नेता को लोकसभा प्रभारी बनाया गया है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि फीडबैक से पता चला है कि बसपा, सपा और रालोद गठबंधन का अच्छा प्रभाव जनता पर है। गठबंधन की तीनों पार्टियों के समर्थक व कार्यकर्ता आपसी गिले-शिकवे व मनमुटाव को भुलाकर जी-जान से भाजपा को पराजित के लिए काम कर रहे हैं।
मायावती ने गुरुवार को प्रदेश व मंडल के वरिष्ठ पदाधिकारियों और पार्टी के जिम्मेदार लोगों की अहम बैठक में ये बातें कही। उन्होंने भाजपा को दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक विरोधी बताते हुए कहा कि इस वर्ग के लोगों को इनसे सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी प्रत्याशियों के साथ अन्य जरूरी राजनीतिक व चुनावी मुद्दों पर विचार-विमर्श कर अंतिम रूप दिया।
सपा-बसपा ने अपने प्रत्याशियों की मजबूती के लिए आपसी तालमेल पर जोर देते हुए खास रणनीति बनाई है। एका का संदेश बूथ स्तर तक देने के लिए शीर्ष नेताओं ने अपने अपने संगठन को खास निर्देश दिए हैं।
समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी जल्द अपनी अपनी पार्टी के नेताओं को गठबंधन की लोकसभा सीट की अलग-अलग जिम्मेदारी सौपेंगे। सूत्रों के मुताबिक जिस सीट पर सपा लड़ेगी। वहां का चुनाव प्रबंधन बसपा के वरिष्ठ नेता संभालेंगे। इसी तरह बसपा वाली सीट पर सपा के नेता प्रचार समन्वय का हिस्सा संभालेंगे। इससे एका का संदेश वोटरों तक जाएगा और वोट ट्रांसफर होने में आसानी होगी। यही नहीं दोनों दलों के झंडे, पोस्टर, बैनर, बिल्ले पर मायावती व अखिलेश की एक साथ फोटो व चुनाव चिन्ह होंगे। इसके अलावा दोनों दलों के प्रत्याशी एक दूसरे दल के कार्यालय जाएंगे और सहयोग तालमेल बढ़ाएंगे।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि किसानों से ख़बर मिली है कि पीएम किसान सम्मान निधि के तहत दी गई राशि 24 घंटे के अंदर ही किसानों के खातों से वापस ले ली गई। भयंकर जुमला पार्टी तो अब वादाखिलाफ़ी के साथ जनता को धोखा भी दे रही है।