सिर्फ़ निंदा से काम नहीं चलेगा, गौरी लंकेश मामले में गंभीरता दिखाए मोदी सरकार: मायावती

नई दिल्ली: बी.एस.पी. अध्यक्ष  मायावती ने कर्नाटक की जानी-मानी पत्रकार गौरी लंकेश की बेंगलुरू में हुयी जघन्य हत्या को प्रथम दृष्टया एक बड़ी साजिश का हिस्सा मानते हुये इस मामले के साथ-साथ सर्वश्री डाबोलकर, गोविन्द पनसारे व एम.एम. कलबुर्गी जैसे लेखकों व साहित्यकारों की हत्याओं की जाँच एन.आई.ए. से कराने की माँग की है।

उन्होंने कहा कि लगातार कुछ अन्तराल के बाद हो रही इस प्रकार की जघन्य हत्याओं के मामलों में केवल निन्दा नहीं बल्कि केन्द्र सरकार को गंभीरता दिखानी होगी।

निर्भीक महिला पत्रकार गौरी लंकेश की उनके घर के सामने हत्या करने को अत्यन्त ही दुःखद व निन्दनीय बताते हुये मायावती ने जारी एक बयान में कहा कि स्वतंत्र व निष्पक्ष विचारों वाले लेखकों, पत्रकारों व बुद्धिजीवियों की जिस प्रकार से एक-के-बाद-एक लगातार हत्या हो रही हैं तथा विभिन्न प्रकार से अन्य लोगों को भी देशभर में आतंकित किया जा रहा है उसकी गंभीरता को समझते हुये केन्द्र सरकार की एन.आई.ए. की जाँच जरूरी है क्योंकि प्रथम दृष्टया ये सभी मामले एक बड़ी साजिश का हिस्सा लगते हैं जिसके पीछे मजबूत लोगों का दिल, दिमाग व धन लगा हुआ है।

इन हत्याओं के पीछे एक खास घातक पैटर्न पूरे देश को नजर आ रहा है, जैसा कि गोरक्षा, लव जिहाद, एण्टी-रोमियों, घर वापसी आदि मामलों में पूरे तौर पर स्पष्ट है और देशहित में इन मामलों के प्रति केन्द्र व राज्य सरकारों को गंभीरता दिखानी चाहिये जो कि अब तक कहीं भी देखने को नहीं मिला है जो देश के लिये बड़ी चिन्ता की बात है और लोग देश भर में सड़कों पर निकलकर अपनी चिन्ताओं को प्रकट भी कर रहे हैं। अब सरकारों को अवश्य ही जाग जाना चाहिये।

जिस प्रकार से केन्द्र की सरकार कश्मीरी नेताओं की एन.आई.ए. से जाँच करवा रही है, उसी प्रकार विभिन्न राज्यों में हो रही इस लोकतंत्र-विरोधी हत्याओं व इससे जुड़ी आतंकी घटनाओं की भी जाँच एन.आई.ए. से होनी चाहिये।