हैदराबाद के मेडिकल साइंसेज के कम से कम 37 छात्रों को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने डिस्चार्ज कर दिया है क्योंकि प्रबंधन कोटा के तहत एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश नियमों के खिलाफ था। इन्होने 2015-16 अकादमिक वर्ष में एडमिशन लिया था और अब उनका भविष्य आधार में लटका है।
एमसीआई की कार्यकारी समिति की बैठक में यह खुलासा किया गया कि कार्यकारी समिति ने निगरानी उप समिति की सिफारिशों को मंजूरी नहीं दी और 37 छात्रों पर चले जाने का नोटिस दोहराए जाने का फैसला किया। समिति ने संस्थान को एक सप्ताह के भीतर इसका अनुपालन करने का निर्देश दिया।
एमसीआई के कार्यकारी समिति के सदस्य डॉ कम्पा शंकर ने कहा कि ये 37 छात्र एमबीबीएस पाठ्यक्रम को पूर्ण नहीं कर सकते हैं और उन्हें घर भेज दिया गया है। प्रबंधन कोटा के तहत एमबीबीएस प्रवेश नियमों के खिलाफ हुआ था।
एमसीआई के अनुसार प्रवेश के दौरान इमसेट रैंकों पर विचार नहीं किया गया है, लेकिन डेक्कन मेडिकल कॉलेज के प्रबंधन ने उनके मामले का बचाव किया। निगरानी समिति ने इस मुद्दे को कई बार सत्यापित किया, लेकिन कार्यकारी समिति ने छात्रों को निर्वहन करने का फैसला किया।
संपर्क करने पर डेक्कन कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्रिंसिपल डॉ एच. क़य्यूम ने कहा कि मैं इस मुद्दे पर बात करने के लिए पर्याप्त सक्षम नहीं हूं।
डेक्कन कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस सम्बन्ध में भेजे गए संदेशों का जवाब नहीं दिया।
हाल ही में, आंध्र प्रदेश के कडप्पा जिले में फातिमा मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने एमसीआई के प्रवेश के बाद उन्हें प्रवेश रद्द कर दिया क्योंकि संस्थान की कोई अनुमति नहीं है। डेक्कन मेडिकल कॉलेज का मामला फातिमा मेडिकल कॉलेज से अलग है, जहां एमसीआई को प्रबंधन कोटा प्रवेश के साथ गलती मिली।
(साभार : नवभारत टाइम्स)