रोहिंग्या मुसलमानों की SC से अपील, हमारे साथ श्रीलंकन और तिब्बत के शरणार्थियों जैसा सलूक किया जाए

रोहिंग्या मुसलमानों ने सुप्रीमकोर्ट में हलफनामा दर्ज कर उन सारे आरोपों का खंडन किया है, जिसमें भारत सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर दावा किया गया था कि रोहिंग्या शरणार्थियों का आईएसआई और आईस के साथ आतंकवादी संबंध है। रोहिंग्या शरणार्थियों ने हलफनामा में कहा कि मेरे साथ श्रीलंकन और तिब्बत के शरणार्थियों जैसा सुलूक किया जाए।

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शुक्रवार को दायर किए गए हलफनामे में रोहिंग्या ने सरकार के आईएसआई और आईएस के साथ आतंकवादी संबंध के आरोपों का ख़ारिज करते हुए कहा है कि भारत सरकार के दावे रोहिंग्या शरणार्थियों के आतंकवादी गतिविधियों या राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का सबूत नहीं पेश कर रहा है।

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ्ती द्वारा विधानसभा में एक बयान दिया गया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि को इभी रोहिंग्या आतंकवाद संबंधी घटनाओं में शामिल नहीं है।17 एफआईआर 38 रोहिंग्याओं के खिलाफ गैरकानूनी तरीके से सीमा पार होने पर दर्ज की गई है।

रोहिंग्या शरणार्थियों ने अपने बचाव में म्यांमार से निकाले जाने को स्पष्ट किया है, जो शरणार्थियों और आप्रवासियों के बीच अंतर को स्पष्ट करते हैं। उन्होंने हलफनामे में कहा है कि शरणार्थी वे व्यक्ति हैं जो अत्याचार और मारे जाने के डर से अपने देश से भाग गए हैं, आप्रवासी ऐसे व्यक्ति हैं जो स्वेच्छा से देश से बाहर रोजगार के अवसर पाने के लिए जाते हैं।