मिलिये सऊदी वैज्ञानिक फातिमा से जिनके नाम पर नासा ने रखा ग्रह का नाम

नासा ने एक वनस्पति विज्ञान अनुसंधान में उसके प्रयास के लिए एक वैज्ञानिक के रूप में एक क्षुद्रग्रह का नाम दिया है। इस क्षुद्रग्रह को अल-शेख 33535 कहा जाता है, जिसका नाम फातिमा बिंट अब्दुल मोनीम अल शेख के नाम पर रखा गया।

इतना ही नहीं 2016 में इंटेल इंटरनेशनल साइंस एंड इंजीनियरिंग मेयर (इंटेल आईएसईएफ) के लिए दूसरा रनर-अप रह चुकी फातिमा ने नासा से मान्यता प्राप्त की।

इतनी छोटी उम्र में कामयाबी के साथ साथ सऊदी अरब में शिक्षा मंत्रालय के साथ किंग अब्दुलअजिज और उनके सहयोगी फाउंडेशन के लिए गिफ्टेनेस और रचनात्मकता द्वारा आयोजित आयोजन तथा साथ ही राष्ट्रीय ओलंपियाड जीतने के बाद आईएसईएफ के लिए आमंत्रित किया गया। 19 साल की उम्र में, उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही फातिमा ब्राउन विश्वविद्यालय में अपना अध्ययन जारी रखने की योजना बना रहा है।

हलाकि ये कोई पहली बार नहीं जब नासा ने एक युवा वैज्ञानिक के बाद एक क्षुद्रग्रह का नाम नहीं दिया है। 2016 में, दो छात्रों को उनकी उपलब्धियों के सम्मान में नासा द्वारा सम्मानित किया गया। नासा ने एक छोटे ग्रह का नाम रखा: अबू-अलशाख 28831, जॉर्डन के एक छात्र के बाद, सलाहालदेन इब्राहिम अबू-अलशाख, गणित में अपने शोध के लिए, जिसने उन्हें 2013 में इंटेल आईएसईएफ में दूसरा स्थान दिया था। 31926 अलहुडम क्षुद्रग्रह नासा के नाम पर रखा गया था।

सऊदी के छात्र अब्दुल जब्बर अब्दुल रज्जाक अलहुम ने संयंत्र विज्ञान के लिए 2015 में इंटेल आईएसईएफ में पहला स्थान जीता था। इसके अलावा यास्मीन यहयिया मुस्तफा को नासा द्वारा चुना गया था और उसके बाद नामित एक क्षुद्रग्रह होने के लिए उन्हें 2015 के इंटेल आईएसईईएफ में पृथ्वी और पर्यावरण विज्ञान परियोजना के लिए चुना गया था। हैरानी की बात ये है कि सभी प्रतियोगी बीस साल से कम उम्र के रहें थें।