मेघालय में भाजपा के पूर्व नेताओं ने मोदी सरकार के बीफ विरोधी फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आज यहां पूर्व भाजपा नेताओं की तरफ से बीफ फेस्ट का आयोजन किया गया है। इस फेस्ट में गौमांस के साथ शराब परोसा जाएगी।
हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक, मेघालय के कई नेताओं ने पशु व्यापार पर केंद्र सरकार के प्रतिबंध को खिलाफ इस्तीफा दे दिया है। पूर्व नेताओं का कहना है कि ईसाई बहुल इस राज्य में पशु व्यापार पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना अच्छा कदम नहीं है। बता दें कि मेघालय में केंद्र सरकार के फैसले से नाराज लगभग पांच से अधिक कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं।
कुछ ही दिन पहले वेस्ट गारो हिल्स के पार्टी जिला अध्यक्ष बर्नाड मारक ने इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने इस्तीफा देने के बाद कहा था, “मैंने भाजपा छोड़ दी है क्योंकि पार्टी हम पर हिंदुत्व की विचारधारा लागू करने की कोशिश कर रही है। हम पार्टी में बाहरी महसूस कर रहे थे। यहां खाने में बीफ हमारी परंपरा का हिस्सा है।”
दूसरी तरफ पार्टी एक बड़े नेता बाचू मारक ने भी इस्तीफा दे दिया है। बच्चू मरक ने अपना इस्तीफा राज्य में पार्टी अध्यक्ष शिबुन लिंगदोह को सौंप दिया है। दरअसल, बाचू ने कुछ दिन पहले मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने की खुशी में गारो हिल्स में बीफ पार्टी आयोजित करने को लेकर पोस्ट डाला था, जिसकी वजह से पार्टी के बड़े नेताओं ने उन्हें निशाने पर ले लिया था।
बाचू ने इस्तीफा देने के बाद कहा, “मैं गारो की भावनाओं से समझौता नहीं कर सकता। एक गारो के नाते यह मेरा दायित्व है कि अपने समुदाय के हित की रक्षा करूं। बीफ खाना हमारी संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है। भाजपा का गैर-धर्मनिरपेक्ष विचारधारा हमपर थोपना स्वीकार्य नहीं है।”