भाजपा शासित राज्य झारखण्ड में नहीं मिल रहा मिड-डे मील, जानवार मारकर खाने को मजबूर हैं बच्चे

झारखंड: झारखंड में साहिबगंज जिले के राजमहल हिल इलाके में एक चौका देने वाला मामला सामने आया है जहाँ मिड-डे मील नहीं मिल रहा इसलिए स्कूली बच्चे भूख मिटाने के लिए जानवर खाने को मजबूर हैं।

अंग्रेजी न्यूज चैनल एनडीटीवी की एक रिपोर्ट NDTV every life counts capmaign में ये बात सामने आई है कि साहिबगंज के इस इलाके में मौजूद सरकारी स्कूलों में न तो कोई बच्चे पढ़ने आते हैं और न ही यहाँ पर कोई टीचर हैं।

चूहा गाँव के नाम से मशहूर एक गाँव की एक छात्रा ने बताया है स्कूल में टीचर पढ़ाने के लिए नहीं आते हैं। स्कूल में मिड-डे मील भी नहीं मिलता। जिसके चलते बच्चों पर चूहे और खरगोश खाने की नौबत आ गई है। वह खुद अपने भाई के साथ मिलकर चिड़िया और खरगोश जैसी चीजों का शिकार कर उन्हें खाकर अपनी भूख मिटाती है।

गांव के प्रधान ने बताया कि पहले इस स्कूल में 50-60 बच्चे आते थे, लेकिन जब टीचर ने स्कूल में आना कम कर दिया तो बच्चे भी आना कम हो गए।

सरकारी आंकड़ो के मुताबिक, चूंहा पहाड़ गांव में 119 और जागोरी गांव में 53 छात्र पढ़ते हैं। लेकिन इस रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आये हैं उसके मुताबिक़ हा पहाड़ में सिर्फ 50-60 छात्र और जागोरी में 15 छात्र पढ़ते हैं।

वहीँ इन स्कूलों में सरकार ने मिड-डे मील स्कीम तो चलाई हुई है लेकिन फिर भी बच्चों को खाना नहीं मिलता। भूख के मारे ये बच्चे जानवर खाने को मजबूर हैं जिससे वो बेहद बीमार भी पड़ सकते हैं और मर भी सकते हैं।