आईएस के हाथों 39 भारतीय कर्मचारियों के सामूहिक हत्या की प्रमुख मिल्ली नेताओं ने कड़े शब्दों में निंदा की है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के मुताबिक इराकी शहर मोसुल के पास एक सामूहिक कब्र में इन उन भारतीयों की लाशें मिलीं और उनके डीएनए टेस्ट से स्पष्ट हो गया कि वही भारतीय कर्मचारी हैं जिनकों आईएस के लड़ाकों ने 2014 में अगवा किया था।
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एक प्रेस रिलीज़ में मिल्ली नेताओं ने कहा कि मजलूम भारतीय कर्मचारियों की हत्या अत्याचारी आईएस के अनगिनत अपराधों में एक नई कड़ी है, जो उस संगठन ने इराक, सीरिया और दुसरे देशों के बेकसूर मुस्लिम व गैर मुस्लिम मजलूमों के साथ किया है। हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि इस्लाम और मुसलमानों का इस गुमराह संगठन से कोई वास्ता नहीं।
यह इस्लाम का नाम लेकर इस्लाम की जड़ें खोद रही है। दरअसल आईएस और अलकायदा जैसी आतंकवादी संगठनें उन गुमराह ख्वारिज की औलाद हैं जिनको दीन से ख़ारिज समझा जाता है। आईएस और अलकायदा जैसी आतंकवादी संगठनों को अमेरीका और इजराइल जैसी शक्तियों ने खड़ा किया है।