MIM मुमताज़ अहमद ख़ां का फ़र्हत ख़ां MBT को पुर्सा इख़तेलाफ़ात फ़रामोश

हैदराबाद 02 अप्रैल: सदर मजलिस बचाओ तहरीक डॉ क़ायम ख़ां के इंतेक़ाल पर कट्टर हरीफ़ समझे जानेवाले रुकने असेंबली याक़ूतपूरा मुमताज़ अहमद ख़ां की तरफ से पुर्सा देने का आम मुसलमानों की तरफ से ख़ौरमुक़दम किया जा रहा है।

मुमताज़ अहमद ख़ां जो अमान उल्लाह ख़ानसाहब मरहूम के बाएतेमाद रफ़क़ा में शुमार किए जाते थे उनके इस इक़दाम को मुस्तक़बिल में नई सियासी तबदीलीयों के तौर पर देखा जा रहा है। मजलिस बचाओ तहरीक के एसे क़ाइदीन जो पार्टी के क़ियाम से वाबस्ता हैं उन्हें मुमताज़ अहमद ख़ां की आमद और पुर्सा देने को ग़ैरमामूली तबदीली तसव्वुर कर रहे हैं।

मजलिस बचाओ तहरीक के क़ियाम में मुमताज़ अहमद ख़ां के कलीदी रोल को नजरअंदाज़ नहीं किया जा सकता। इस के अलावा दोनों ख़ानदानों के अटूट मरासिम सियासी इख़तेलाफ़ात के बावजूद आज भी बरक़रार हैं। अमान उल्लाह ख़ां के इंतेक़ाल पर अव्वलीन पहुंचने वालों में मुमताज़ ख़ां शामिल थे हालाँकि वो मजलिस में शामिल हो चुके थे। अगरचे पिछ्ले दो असेंबली चुनाव में फ़र्हत उल्लाह ख़ां ने हलक़ा असेंबली याक़ूतपूरा से मुमताज़ अहमद ख़ां के ख़िलाफ़ मुक़ाबला किया था और दोनों में सख़्त इख़तेलाफ़ात भी पैदा हुए लेकिन क़ायम ख़ां के इंतेक़ाल पर तमाम इख़तेलाफ़ात को फ़रामोश करते हुए मुमताज़ ख़ां ने जिस वसीअ उलक़ल्बी और इस ख़ानदान से अपनाईयत का इज़हार किया है इस की हर सतह पर सताइश की जा रही है। कहीं एसा तो नहीं कि मुमताज़ अहमद ख़ां 2019 असेंबली चुनाव के लिए अपनी नई सियासी हिक्मत-ए-अमली को क़तईयत दे रहे हैं। हालिया बलदी चुनाव में बताया जाता है कि मजलिस ने उनके फ़र्ज़ंद को टिकट नहीं दिया।

मुमताज़ अहमद ख़ां चाहते थे कि जिस तरह उन्होंने कारपोरेटर से सियासी कैरीयर का आग़ाज़ क्या उनके फ़र्ज़ंद भी बुनियादी सतह से सियासत में क़दम रखें। पुराने शहर में इत्तेलाआत गशत कर रही हैं कि मुमताज़ अहमद ख़ां 2019 में हलक़ा असेंबली याक़ूतपूरा से अपने फ़र्ज़ंद को टिकट के ख़ाहां हैं। अगर पार्टी उनके मुतालिबे को तस्लीम नहीं करेगी तो मुमताज़ अहमद ख़ां दुबारा अपने दोस्त अमान उल्लाह ख़ां मरहूम के ख़ानदान के साथ होजाएंगे।

सिर्फ मुमताज़ ख़ां ही नहीं बल्कि उनके भाई भी अमान उल्लाह ख़ान ख़ानदान से काफ़ी क़रीब हैं। जलूस जनाज़ा और मक्का मस्जिद में यही बातें गशत कर रही थीं कि मुमताज़ अहमद ख़ां आने वाले दिनों में मजलिस बचाओ तहरीक के इस्तिहकाम का ज़रीया बन सकते हैं।