मुजफ्फरनगर : कांवड़ियों की खिदमत में जुटे हैं मुस्लिम समुदाय के लोग

मुजफ्फरनगर जिले में मुस्लिम समुदाय के लोग कैंप लगाकर कांवड़ियों की सेवा करने में लगे हुए हैं। शनिवार रात जब कांवड़ियों की एक गाड़ी सड़क के डिवाइडर पर फंस गई तो मुस्लिम समुदाय के एक व्यक्ति ने जेसीबी मशीन की व्यवस्था की।

नवभारत टाइम्स में छपी खबर के अनुसार, यहां के लोग पहले भी कांवड़ियों के लिए दिल खोलकर काम करते थे लेकिन 2013 के दंगों के बाद थोड़ा माहौल बदल गया था। हालांकि, संतोषजनक बात यह है कि दोनों समुदायों के लोग फिर से एकजुट हो रहे हैं।

https://static.langimg.com/thumb/msid-65291341,width-600,imgsize-91379,resizemode-4/65291341.jpg

मुस्लिम बहुल इलाके मीनाक्षी चौक इलाके में कैंप लगानेवाली पैगाम-ए-इंसानियत संस्था के अध्यक्ष आसिफ राही बताते हैं, ‘2014 की कांवड़ यात्रा के वक्त भी मुस्लिमों ने कैंप लगाए थे लेकिन कांवड़िया उनमें नहीं रुक रहे थे।’

पैगाम-ए-इंसानियत के कैंप में काम करनेवाले दिलशाद पहलवान बताते हैं, ‘हमारे काम की आलोचना करनेवालों के बारे में मैं नहीं सोचता। मेरे लिए कांवड़ियों के पैर की मालिश करना ज्यादा महत्वपूर्ण है, वे लंबी दूर से पैदल चलकर आते हैं और काफी थके होते हैं।’

कैंप में योगदान दे रहे एडवोकेट असद जमा कहते हैं, ‘मेरा धर्म दूसरे मत के लोगों की मदद करने को कहता है इसलिए मैं सड़क पर कांवड़ियों की मदद के लिए आया हूं।’ पुरकाजी नगर पंचायत के नवनिर्वाचित चेयरमैन जहीर फारुकी कहते हैं, ‘पहली बार यह कैंप पुरकाजी में ही बनाया गया था।

हमने कांवड़ियों को जरूरी चीजें देने में मदद की थी। हमारे कार्यकर्ता शहर की सीमा पर यात्रियों का स्वागत करने के लिए खड़े रहते थे।’ इस बारे में मुजफ्फरनगर के एसपी ओमवीर सिंह कहते हैं, ‘मुस्लिम समुदाय के ये नेता और युवक दोनों समुदायों की बीच खोया विश्वास लौटाने के लिए बहुत अच्छा काम कर रहे हैं।’