नई दिल्ली: एक बैठक में तीन तलाक दिए जाने के खिलाफ बिल लाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार दावा कर रही थी कि मुस्लिम महिलाएं इस कार्य से काफी खुश हैं, लेकिन अब आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और अन्य ज़िम्मेदार संगठनों के नेतृत्व में पूरे देश में मुस्लिम महिला की ओर से जो विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं उसने यह साफ़ कर दिया है कि यह बात सिर्फ मीडिया ही कह रहा है जबकि सच कुछ और ही है।
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मालेगांव में एतिहासिक विरोध प्रदर्शन के बाद पटना, गोगरी, बलिया. बेगुसराय. दरभंगा, सुपौल, भोपाल वगैरह में जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन हुए हैं और बहुत जल्द जयपुर राजस्थान, आजमगढ़, मुरादाबाद, लखनऊ, इलाहबाद, बनारस वगैरह में होने जा रहे हैं जिससे यह पैगाम आम हो रहा है कि मुस्लिम महिलाओं की नज़र में मोदी सरकार की ओर से तीन तलाक के खिलाफ बनाया जाने वाला कानून स्वीकार्य नहीं है।
मुस्लिम महिलाएं शरियत में दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं करेंगी। राष्ट्रीय स्तर पर जारी विरोध प्रदर्शन के संबंध में आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना मोहम्मद वली रहमानी इंकलाब ब्यूरो से विशेष बातचीत की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार और खुद प्रधानमंत्री की ओर से जो बात कही जा रही थी कि उनके फैसले से मुस्लिम महिलाएं खुश हैं तो खुशफहमी थी, क्योंकि अब देश भर में मुस्लिम महिलाओं की ओर से जो विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं इससे साफ़ हो गया है कि वह तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाये जाने से खुश नहीं हैं।