मॉब लिंचिंग ग्रामीण अर्थव्यवस्था को खत्म करने पर लगी है: बीजेडी सांसद

पुरे देश में हो रही मॉब लिंचिंग ने मवेशी व्यापार पर प्रतिबंध ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को अपंग कर दिया है। क्योंकि किसान अपने मवेशी बेचने में सक्षम नहीं हैं। ये बात आज लोकसभा में बीजू जनता दल (बीजेडी) के सांसद टी. सतपथी ने कहा।

लोकसभा में एक बहस में भाग लेने वाले सांसद ने कहा कि आज देश में अधिकांश गायें स्वदेशी नस्लों की नहीं बल्कि जर्सी गायों की हैं।

उन्होंने कहा कि आज भारत में अधिकांश गायों में जर्सी गायों हैं वे अपनी मां को नहीं पहचान सकते … कोई भी स्वदेशी नस्लों के बारे में चिंतित नहीं है।

“कौन गायों और बैल बेचता है? यह गरीब हिंदू किसान है। कोई भी गाय से इनकार नहीं कर रहा है ग्रामीण भारत के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक उपकरण है … जब पशु बूढ़े हो जाते हैं तब हिन्दू हो या मुस्लिम किसान इसे बेचते हैं, और जो इसे खरीदता है वह हिंदू या मुस्लिम भी हो सकता है। ”

सांसद ने कहा कि किसानों को पुरानी जानवरों को रखने, उनके रखरखाव पर पैसा खर्च करने के लिए मजबूर किया गया। किसान बेकार जानवरों को बेचने में असमर्थ हैं। आर्थिक चक्र को रोक दिया गया है। यदि किसान पुराने जानवरों को बेचता है तो उनको बीज के पैसे तो हो सकतें हैं। किसान इससे क़र्ज़ लेने से तो बच सकतें हैं। लेकिन इन घटनाओं ने पूरी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रही हैं।

आगे उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा अल्पसंख्यक की हत्या करके, आप वास्तव में बहुमत की हत्या कर रहे हैं।