ईदी में मिली लाशें

यह हमारा दुर्भाग्य है कि “कौम” के लिए लड़ाई लड़ने के लिए कौम के अंदर के ही कुछ लोगों का विरोध और गालियाँ सबसे पहले सुनने को मिलती है , देश की व्यवस्था से लड़ने के पहले इनसे लड़ना पड़ता है।

#EidWithBlackBand की सफलता के बाद कुछ ऐसे लोग जिनसे प्रारंभ में इस मुहिम में शामिल होने की प्रार्थना करने पर उनका इन्कार और फिर बाद में मुहिम का मज़ाक इन्हीं द्वारा उड़ाया गया (सबूत है) और मुहिम के सफल होते देख मुहिम को अपने व्यक्तिगत और अपने किसी संगठन के लाभ के लिए हाइजैक करने का जो असफल प्रयास किया गया वह बेहद निन्दनीय है। इससे हम सबकी मिलकर एक होकर लड़ी जा रही लड़ाई में कुछ विवाद आया।

फिर मुझे और इमरान भाई पर भद्दी पोस्ट की गयीं और सो काल्ड “चारमीनारी सम्राट” के लोगों ने हम दोनों को भद्दी भद्दी गालियाँ दीं।

यहाँ तक की मेरी मौत पर लगातार घोषणाएँ कीं।

जो लोग पहले इस मुहिम में शामिल होने से इन्कार इसलिए कर रहे थे कि इस तरीके से यह लड़ाई “हिन्दू वर्सेस मुस्लिम” हो जाएगी , वह लोग इस सफल मुहिम में अब अपने संगठन को माइलेज दिलाने के लिए प्रोग्राम करा रहे हैं। सच में बहुत दुख हुआ , विश्वास टूटा।

अब वह #EidWithBlackBand की कामयाबी में अपनी झूठी क्रेडिट लेने के किसी आयोजन में इमरान भाई को और हमें शामिल कराने के लिए धमकी भरी कोशिशें कर रहे हैं।

हम उनको सिर्फ़ शुभकामनाएँ ही दे सकते हैं कि उनकी मुहिम सफल हो कामयाब हो और देश में मुसलामानों की गाय के नाम पर होतीं हत्याओं पर रोक लगे।

दो दिन बहुत दुख हुआ , हम इस दुखी मन से अपनी अगली योजना पर विचार मंथन करते रहे , इस बीच झारखण्ड से कुछ और मुसलमानों के गाय के नाम पर मारे जाने की खबर आ गयी।

पर यह हत्याएँ सोशलमीडिया पर कोई असर नहीं दिखा सकीं , किसी को झगझोर नहीं सकीं।

हम चुप थे कि देख सकें कि हमें मृतक घोषित करने वाले चारमीनारी सम्राट और कुछ और संगठन के लोग क्या करते हैं। खैर

हम सबकी मुहिम में नैतिक और सैद्धान्तिक रूप से साथ हैं , अल्लाह उनको कामयाब करे। सब अपने तरीके से अपनी मुहिम के लिए कोशिशें करें सबको इससे तरक्की मिले।

हमारे “गाँधीगिरी” के अपने तरीके हैं , संगठन , पार्टी के कारण “गाँधीगिरी” में लोगों की भागीदारी सीमित हो जाती है , हम सीमा में इसे नहीं बाँध सकते।

आपकी हमारी अगली रणनीति की घोषणा बहुत जल्दी की जाएगी , हमारी आपकी यह अगली मुहिम लगातार 100 घंटे के विचार विमर्श और लगातार आप सबसे मंथन करने के बाद अब लगभग तय कर ली गयी है।

झारखण्ड से गाय के नाम पर मुसलमानों की हत्याओं की लगातार खबरें हमें अपनी “गाँधीगिरी पार्ट-2 को और पहले कराने पर विचार करने के लिए मजबूर कर रहीं हैं।

अभी तय नहीं हुआ पर संभवतः हम इसे और पहले करेंगे , इंशाअल्लाह।

इंशाअल्लाह हमारी आपकी यह मुहिम #EidWithBlackBand से कई गुणा अधिक सफल होगी।

मोदी जी का शुक्रिया कि उनके विचार के लोगों ने देश के मुसलामानों को “ईदी” के रूप में हमें “यह लाशें” दीं हैं।

यह ईदी हम संभाल कर रखेंगे और अपनी अगली मुहिम में प्रेरक के रूप में इस्तेमाल करेंगे।

  • मोहम्मद ज़ाहिद