अपने ताबड़ तोड़ बयानबाजी से सुर्ख़ियों में रहने वाले जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने सोमवार को एक बार फिर मोदी सरकार को चुनौती देते हुए कहा है कि वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में राष्ट्र ध्वज फहराने की बात कर रहे हैं, वह पीओके से पहले श्रीनगर के लाल चौक पर तो तिरंगा फहराकर दिखाए।
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अपनी इस टिप्पणी के बारे में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने सिर्फ तथ्य कहा और पीओके के बारे में जो कुछ कहा वह सच है। पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि यदि आप सच सुनना पसंद नहीं करते तो भुलावे में ही रहें। सच यह है कि (पीओके) हमारा हिस्सा नहीं है। यह (जम्मू-कश्मीर) उनका (पाकिस्तान का) हिस्सा नहीं है। फारूख ने उस घटना की निंदा की जिसमें कुछ दिन पहले राजौरी जिले में राष्ट्रगान के वक्त दो छात्र खड़े नहीं हुए।
उन्होंने कहा कि देश के लिए सम्मान महत्वपूर्ण है और राष्ट्रगान सबसे अधिक सम्माननीय है। दोषियों के माफी मांगने तक सरकार को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और उन्हें हलफनामा देना चाहिए कि वे ऐसा दोबारा नहीं करेंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह ऐसी टिप्पणियां करके भारतीय संवेदनाओं को आहत नहीं कर रहे। उन्होंने कहा कि आप किनकी संवेदनाओं की बात कर रहे हैं? उन दुष्टों के बारे में जिन्हें हमारी तकलीफें नहीं दिखाई देतीं? जो सीमा पर रहने वाले लोगों की तकलीफें नहीं देखते? जब गोले बरसने शुरू होते हैं तो उन्हें कैसी तकलीफ से गुजरना पड़ता है। उन्होंने कहा कि भारतीय संवेदना क्या होती है? क्या आप यह सोच रहे हैं कि मैं भारतीय नहीं हूं?
बता दें कि फारूक अब्दुल्ला ने पहले भी पीओके को लेकर एक बयान दिया था जिसमे उन्होंने कहा था कि पीओके किसी के बाप का नहीं है, वह भारत का हिस्सा कभी नहीं बन सकता।