‘देश के बिगड़ते हालात के लिए मोदी सरकार जिम्मेदार’

नई दिल्ली: जमायत इस्लामी ने तीन तलाक के खिलाफ कानून और भीमा कोरेगांव हिंसा का हवाला देते हुए मोदी सरकार का आलोचना किया। जमायत इस्लामी ने देश में बिगड़ते हालात, (समाजी या आर्थिक) के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।

तीन तलाक़ के खिलाफ कानून और भीमा कोरेगांव हिंसा का हवाला देते हुए जमाअत के महासचिव जेनरल मोहम्मद सलीम इंजीनियर ने कहा कि मोदी सरकार विभिन्न मोर्चों पर बुरी तरह से नाकाम हो चुकी है।

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उनहोंने असम की नागरिकता से संबंधित विषयों पर बात करते हुए कहा कि यहां 3 करोड़ से जयादा लोगों ने नागरिकता के लिए आवेदन जमा की थी, लेकिन जो पहली सूची आई उसमे आधे लोगों के ही नाम शामिल हैं, यानि इन आवेदकों में से सिर्फ 1.9 करोड़ लोगों की आवेदन को ठीक करार दिया गया और उन्हें भारत का असली नागरिक स्वीकार कर लिया।

उधर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष जमाअत इस्लामी हिन्द मौलाना सैयद जलालुद्दीन उमरी ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान तीन तलाक पर कानून बनाने पर इस बिल की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यह बिल क़ुरान और शरीअत के सख्त खिलाफ है।
उनहोंने कहा कि तीन तलाक़ बिल मुकम्मल तौर पर क़ुरान और शरीअत के खिलाफ है। कोई भी मुसलमान इस बात को स्वीकार नहीं करता कि तीन बार तलाक देने से वाकई तलाक नहीं होती है।