चीफ जस्टिस को बचाने के लिए मोदी सरकार दबाव में काम कर रही है: वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग के नोटिस को उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम.वेंकैया नायडू ने सोमवार को खारिज कर दिया है। नायडू के इस फैसले से विपक्षी दल काफी नाराज हैं। कांग्रेस ने इस फैसले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि कहा कि इस फैसले पर कानून के जानकारों से बात कर राय ली जाएगी।

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उपराष्ट्रपति के इस फैसले के बाद वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि क्या! वीपी नायडू ने चीफ जस्टिस के खिलाफ 64 सांसदों के हस्ताक्षर होने के बाद भी महाभियोग प्रस्ताव खारिज कर दिया है! किस आधार पर? उन्हें आरोपों के पीछे तथ्य नहीं हैं, ऐसा कहने अधिकार नहीं है।

उन्होंने कहा कि यह 3 जजों की कमिटी के लिए जांच का विषय है। उन्हें सिर्फ यह देखना है कि क्या जरूरी 50 सांसदों के हस्ताक्षर हैं या नहीं। भूषण ने कहा, चीफ जस्टिस को बचाने के लिए मोदी सरकार दबाव में काम कर रही है। उधर कांग्रेस नेता पीएन पुनिया ने भी कहा कि यह गंभीर मामला है। हमें नहीं पता कि प्रस्ताव क्यों खारिज किया गया। पार्टी कानूनी जानकारी लेने के बाद आगे कदम उठाएगी।

वहीँ कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि उम्मीद नहीं थी, कि वह ऐसा सिर्फ एक दिन में ही करेंगे। उन्होंने साफ कहा कि नायडू का यह फैसला पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है।