रोज़गार का वादा भी जुमला निकला, मोदी सरकार में 500 में से सिर्फ़ 3 युवाओं को ही नौकरी मिली

लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान और साल 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद जनता को लुभाने के लिए बड़े-बड़े दावे किए थे।
इसमें से एक था देश के युवाओं के लिए रोजगार पैदा करना।

लेकिन सच्चाई ये है कि मोदी सरकार 500 में से सिर्फ 3 लोगों को ही नौकरी देने में कामयाब हो पाई है।

नेशनल करियर सर्विस वेबसाइट के मुताबिक, इस दौरान कुल 14.85 लाख लोगों ने नौकरी पाने के लिए रजिस्टर किया था।
लेकिन साल 2015 में रोजगार केंद्रों द्वारा नौकरी दिलाने का औसत 0.57 प्रतिशत ही रहा।

बता दें कि नौकरी खोजने के मामले में तामिलनाडु सबसे आगे है। तामिलनाडु के बाद इस कड़ी में पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, केरल और महाराष्ट्र का नाम है।

नौकरी पाने के लिए इन पाँचों राज्यों में से 60 प्रतिशत लोगों ने रोजगार केंद्रों में रजिस्टर किया था। लेकिन 2015 में इन पांच राज्यों में सिर्फ 0.1  प्रतिशत ही रोजगार मिल पाया है।