आवाज़ दबाने की एक और कोशिश! मोदी सरकार ने मांगी 55 % ट्विटर खातों की जानकारी

सोशल मीडिया के जमाने में यूज़र्स किसी भी मुद्दे के साथ बहुत ही आसानी से जुड़ पा रहे हैं। सोशल मीडिया पर किसी भी मुद्दे पर बहस की जा सकती है, लोग किसी भी मुद्दे पर अपनी राय रख सकते हैं और विरोध जता सकते हैं।

लेकिन सोशल मीडिया पर भी मोदी सरकार नजरें गढ़ाए बैठी है। बीजेपी आईटी सेल के लोग ट्विटर पर यूज़र्स की निगरानी का ठेका सर पर उठाये बैठे हैं।

इस कड़ी में मोदी सरकार ने ट्विटर से इस साल जनवरी और जून के बीच 261 खातों की जानकारी मांगी है, जो बीते साल की समान अवधि के मुकाबले 55 फीसदी ज्यादा है।

इसके साथ ट्विटर ने बताया है कि मोदी सरकार ने सोशल मीडिया साइट से 102 एकाउंट्स को डीएक्टिवेट करने के लिए कहा है। हालांकि ट्विटर ने किसी भी खाते और किसी भी ट्वीट को नहीं हटाया है।

ट्विटर के मुताबिक,मिनिस्टरी ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69ए के तहत रोक लगाने का आदेश भेजा है।

ट्विटर ने मंगलवार को जारी की गई रिपोर्ट में कहा कि भारत में कुल सूचना अनुरोधों में 55 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसमें कहा गया है कि सरकार द्वारा 60 ट्विटर यूज़र्स से जुड़ी सामग्री को हटाने की मांग की गई थी।

इसके बाद हमने ट्विटर की सेवा और शर्तों का उल्लंघन करने को लेकर 16 खातों को निलंबित कर दिया था। अब हमसे शेष खातों के बारे में अतिरिक्त जानकारी मांगी गई है।”