तलाकशुदा और बेसहारा महिलाओं को रोज़गारी देगी मोदी सरकार

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में अलग से संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी आधारित संसाधन केंद्र खोलने की तैयारी है। अपने ढंग का यह देश का पहला सेंटर होगा। तलाकशुदा और बेसहारा मुस्लिम महिलाओं के सपने को नई उड़ान देने का जिम्मा केंद्र सरकार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से चल रहे साईं इंस्टिट्यूट ऑफ रूरल डिवेलपमेंट सेंटर ने संभाला है। सेंटर के डायरेक्टर अजय सिंह ने बताया कि महिलआों को ट्रेनिंग देकर रोजगार से जोड़ने की योजना को ‘नई सुबह’ नाम दिया गया है। इसके लिए वरुणापार इलाके में मुस्लिम महिला फाउंडेशन कार्यालय में इसी महीने सेंटर खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। बस लॉन्चिंग का दिन और समय तय होना बाकी है। ‘नई सुबह’ के प्लान के मुताबिक 2 साल के अंदर 2000 महिलाओं को खुद के रोजगार और ई-मार्केटिंग से जोड़ आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। रॉ-मटीरियल उपलब्‍ध कराने के साथ ही स्वयं सहायता समूह के जरिए रोजगार शुरू करने के लिए आर्थिक मदद दिलाने की कोशिश होगी। तैयार सामान की ऑनलाइन मार्केटिंग के लिए पोर्टल उपलब्ध होगा। इसके अलावा 50 मदरसों में भी ट्रेनिंग दिए जाने की योजना है। मोदिजीने मुसलमानो के दहलीज पर एसा मसल खड़ा कर दिया है की मसाला सुलज़ाने मे इनका दिमाग फट जायेगा ओर मुसीबते बढ़ती ही जायेगी। ‘नई सुबह’ से जुड़ने वाली महिलाओं के लिए शिक्षित होना जरूरी नहीं होगा और ना ही कोई उम्र की सीमा होगी। चूल्हे-चौके तक सीमित रहने वाली युवा से लेकर दादी-नानी तक की उम्र वाली महिलाओं को स्मार्ट क्लास के जरिए साक्षर किया जाएगा। इसके अलावा हेल्थकेयर, कम्प्यूटर शिक्षा देने के साथ घरों की चहारदीवारी में कैद परंपरागत हुनर को तराशा जाएगा। डिजिटल मार्केटिंग, ई-गल्ला, डिजिटल सेवा, डिजिटल स्किल और डिजाइनिंग साफ्टवेयर की भी ट्रेनिंग दी जाएगी,जो बिल्कुल मुफ्त होगी।