एक हाई प्रोफाइल मर्डर केस न सुलझा पाने वाले ‘नाकाम’ वाईसी मोदी क्या देश की सुरक्षा संभाल पाएंगे?

वाईसी मोदी का पिछला रिकॉर्ड बताता है कि वो एक नाकाम पुलिस ऑफिसर हैं। उनके हिस्से में जो भी हाई प्रोफाइल मामले तफ़्तीश के लिए आए, वो उनमें बुरी तरह फेल साबित हुए।

वाईसी मोदी ने हरेन पंड्या मर्डर केस की तफ़्तीश की जो गुजरात सरकार में गृह मंत्री थे और जिनकी 2003 में अहमदाबाद में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

इस हत्या का आरोप हरेंद्र पंड्या के पिता और उनकी पत्नी जागृति ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर लगाया था।

इस हत्याकांड के दोषियों का आजतक पता नहीं चल पाया और कूड़ा तफ़्तीश के लिए जांच करने वाली टीम को अदालत फटकार चुकी है।

हरेन पंड्या हत्याकांड की तरह गुजरात दंगों के एक मामले में आरोपी नरेंद्र मोदी थे जिसकी जांच वाईसी मोदी ने की। वाईसी मोदी उस कांड की भी जांच में फेल रहे और साहेब को क्लीन चिट दी।

कोई भक्त बड़ी आसानी से कह सकता है कि सत्तापक्ष हमेशा अपने क़रीबी अफ़सरों को बड़े पदों पर बिठाता है। भक्त का यह तर्क जायज़ हो सकता है लेकिन क्या राष्ट्रीय सुरक्षा की जांच के लिए काम करने वाली एनआईए का मुखिया भी इसी आधार पर नियुक्त किया जाना चाहिए?

एनआईए का गठन मुंबई हमले के बाद आतंकवाद की रोकथाम के लिए गाजे-बाजे के साथ किया गया था। अच्छा होता अगर इसकी कमान एक स्वामिभक्त की बजाय किसी ऐसे होनहार अफसर को सौंपी जाती जो देश की सुरक्षा को अभेध बना सकने में माहिर हो।

वाईसी मोदी एक होनहार अफसर नहीं हैं। वो एक हाई प्रोफाइल मर्डर तक को नहीं सुलझा पाए, देश की सुरक्षा क्या ख़ाक होगी उनसे।

  • शाहनवाज़ मलिक