क्या यही है “सबका साथ, सबका विकास ” का नारा ?
देशभर में दलितों और मुसलमानों पर अत्याचार होता है, सहारनपुर में दलितों की बस्तियां उजाड़ दी जाती हैं मगर प्रधानमंत्री की ज़बान से उफ़ तक नहीं निकला, जबकि लंदन में हमला होता है तो तुरंत ट्वीट कर दुःख प्रकट करते हैं|
प्रधानमंत्री की नाक के नीचे से नजीब अहमद लापता हो जाता है और प्रधानमंत्री को भनक तक नहीं लगती हैं, उनकी अधीन काबिल ख़ुफ़िया एजेंसीज और पुलिस ये पता नहीं लगा पाती हैं कि नजीब अहमद के साथ आखिर हुआ क्या है और वह कहाँ है?
देश का प्रधानमंत्री भावुक हो जाता है जब वह संसद पहली बार पहुँचता है और संसद के दुवार पर अपना शीश नवता है मगर वही वियक्ति खामोश रहता है जब मासूम लोगों की हत्याएं होती हैं?
देश का किसान प्रधानमंत्री निवास/कार्यालय के सामने नग्न अवस्था में प्रदर्शन करता है और प्रधानमंत्री के कानों तक उनकी आह नहीं पहुँचती है ?
#केन्द्र_सरकार ने बीते दिनों पशु बिक्री पर नया नियम लागू कर दिया है। जिसके बाद विपक्षी दल तो सरकार पर निशाना साध रहे हैं वहीं उनके अपने नेता भी अपनी सरकार के इस नियम की निंदा कर रहे हैं। #मेघालय में #बीजेपी के दो वरिष्ठ नेताओं ने इस नए नियम के आने के बाद पार्टी से मुंह मोड़ लिया है। बतााया यह भी जा रहा है कि पार्टी से कुछ और नेता इस्तीफा दे सकते हैं।
मेघालय के पश्चिम #गारो_हिल्स के #भाजपा के जिला अध्यक्ष #बर्नाड_मारक के #इस्तीफे के बाद बाचू मराक ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद मराक ने आरोप लगाया था कि पार्टी के नेता स्वदेशी लोगों की परंपराओं और संस्कृति का सम्मान नहीं कर रहे हैं। मराक ने मीडिया को बताया कि एक जिम्मेदार नेता के तौर पर मैं लोगों को भ्रमित नहीं कर सकता और भाजपा की गैर धर्मनिरपेक्ष विचारधारा को हम पर थोपने नहीं दे सकता। ये हमारे राज्य में बीफ पर प्रतिबंध नहीं लगा सकते।
साभार: तीसरी जंग
You must be logged in to post a comment.