प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जुलाई महीने में इजरायल की यात्रा का कार्यक्रम है। मोदी के इस दौरे को लेकर काफी चर्चा है। लेकिन यह पहली बार है जब भारतीय प्रधानमंत्री इजरायल दौरे पर जाने के बाद भी फिलिस्तीन नहीं जाएंगे। इससे पहले उनके पूर्ववर्तियों ने हमेशा दोनों देशों के दौरे किए थे। इसे भारत के दोनों पश्चिम एशियाई देशों से बदलते रिश्ते के तौर पर भी देखा जा रहा है।
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत और मध्य पूर्व के एकमात्र लोकतांत्रिक देश इजरायल के बीच संबंध दोस्ताना हैं। पहले भारत इजरायल समर्थक और अरब विरोधी छवि से बचना चाहता था।
इस बात की उम्मीद कम ही मानी जा रही है कि मोदी अपने आगामी यात्रा कार्यक्रम में फिलिस्तीन को भी शामिल करेंगे। पीएम इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू से मुलाकात करेंगे।
पीएम की इस यात्रा से लगता है कि भारत अब इजरायल से संबंध मजबूत करने पर ज्यादा जोर दे रहा है। हथियारों की खरीद को लेकर भी भारत इजरायल पर निर्भर रहा है। दोनों देशों के बीच कारोबारी और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में भी संबंध बढ़ रहे हैं। हालांकि, माना जा रहा है भारत दोनों देशो के साथ संतुलन बनाए रखेगा।
संभावना है कि पीएम मोदी की इजरायल यात्रा से पहले फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास भारत की यात्रा पर आएंगे। भारत में फिलिस्तीन के राजदूत अबु अदनान अलहाजिया ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी इस बार फिलिस्तीन के दौरे पर नहीं जा रहे हैं। इंशाअल्लाह, हमारे राष्ट्रपति इस साल भारत आएंगे।