मोदीजी ! सावरकर ने तो सुभाषचंद्र बोस के खिलाफ ब्रिटिश शासकों का दिया था साथ

हमारे देश के प्रधान मंत्री मोदी, जो खुद को हिन्दू राष्ट्रवादी कहलाना पसंद करते हैं, ने अक्टूबर 21, 2018 को दिल्ली के लाल क़िले पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा 75  साल पहले सिंगापुर में आरज़ी यानी अस्थाई आज़ाद भारत सरकार की घोषणा का गुणगान किया।  वे यह करते हुए उम्मीद करेंगे कि देशवासी उनके हिन्दुत्ववादी पूर्वजों के उन अपराधों को भूल जाएं जो उन्होंने अँगरेज़ शासकों के साथ मिलकर नेताजी और उनके द्वारा गठित आज़ाद हिन्द फ़ौज के खिलाफ रचे थे।

आइए हम इन शर्मनाक अपराधों के बारे में जानने के लिए स्वयं आज़ादी से पहले के हिन्दू महासभा और आरएसएस के दस्तावेज़ों में झांकें।

 

प्रधानमंत्री मोदी को कोई अधिकार नहीं है कि वे नेताजी और आज़ाद हिन्द फ़ौज के महान आज़ादी के लड़ाकुओं पर कोई बात करें।  उनको तो लाल क़िले पर जाकर सिर्फ एक काम करना चाहिए और वह यह है कि हिन्दुत्ववादी टोली ने नेताजी और आज़ाद हिन्द फ़ौज के खिलाफ जो अपराध किये थे उनके बारे में पूरे देश से माफ़ी मांगें।

अवश्य पढ़ें महत्वपूर्ण दस्तावेज…. शेयर भी करेंगे तो ज्यादा लोगों तक बात पहुंचेगी

लेखक- शमशुल इस्लाम

साभार- http://www.hastakshep.com