3 साल के बाद भी मोहसिन शेख़ को नहीं मिला इंसाफ़, हिंदूवादी गुंडों ने की थी हत्या

मोहसिन शेख 28 साल का पढ़ा लिखा नौजवान, जो एक आईटी कंपनी में मैनेजर था और अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला। लेकिन आज वह इस दुनिया में नहीं है क्योंकि मोहसीन कुछ सिरफिरे भगवा गुंडों के हत्थे चढ़ गया था।

2 जून 2014 को पुणे में मोहसिन शेख की हिंदू राष्‍ट्र सेना के सदस्‍यों ने हत्या कर दी थी। तीन साल गुज़रने के बाद भी मोहसिन के परिवार को इंसाफ़ का इंतज़ार है ।

हिंदू राष्ट्र सेना के 21 सदस्यों ने मोहसिन की हत्या फेसबुक पर एक विवादित पोस्ट के बहाने से की थी। हत्या के आरोप में हिन्दू राष्ट्र सेना प्रमुख धनंजय देसाई समेत 21 गिरफ्तारी हुई थी।

इसी साल जनवरी में हत्‍या के तीन आरोपी विजय राजेंद्र गंभीर, गणेश उर्फ रंजीत शंकर यादव और अजीत दिलीप लागले को जमानत दे दी गई। जस्टिस मृदुला भटकर ने अपने आदेश में कहा ‘मृतक की गलती सिर्फ इतनी थी कि वह दूसरे धर्म से ताल्‍लुक रखता था। मैं इस तथ्‍य को आरोपी के पक्ष में देखती हूं। इसके अलावा, आरोपी का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और धर्म के नाम पर उकसाने पर उन्‍होंने हत्‍या कर दी’।

अपने बेटे के का़लितों को मिली ज़मानत के बाद मोहसिन के पिता सादिक़ शैख ने कहा है कि ‘क्या भड़काऊ भाषण देकर किसी दूसरे धर्म के मासूम शख्स का मर्डर करने की अनुमति है. तीनों आरोपियों को हत्या की जगह से ही गिरफ्तार कर लिया था।

मोहसिन अपने परिवार और बूढ़े मा-बाप का सहारा था, वो अपने परिवार की ज़िम्मेदारी बख़ूबी उठा रहा था लेकिन हिंदू राष्ट्र के नाम पर हाथों में हथियार लिए दहशतगर्दों के हत्थे चढ़ गया। आज उसके क़ातिल खुले घूम रहे हैं और मोहसिन का परिवार इंसाफ़ की आस लगाए बैठा है।