नमाज पढ़ने को लेकर शुक्रवार को एक बार फिर से विवाद सामने आया। बसई गांव में एक खाली जगह करीब 250 लोगों के नमाज पढ़ने की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई और आगे से वहां नमाज न पढ़ने की हिदायत दी।
पुलिस ने इमाम को थाने ले जाकर लिखित में बयान लिया कि आगे से प्रशासन के तय किए गए स्थानों के अलावा वह कहीं नमाज नहीं पढ़वाएंगे। इमाम अब्दुल वाजिद ने कहा कि हमने इस क्षेत्र में कई वर्षों से खाली जगह पर नमाज पढ़ी है ऐसा करने के लिए पुलिस से अनुमति मांगी है।
इस महीने की शुरुआत में यहां निवासियों ने इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने कहा, आप ऐसी चीजें करके दंगा शुरू करेंगे और मुझे अपनी वैन में डाला और मुझे पुलिस स्टेशन ले गए।
मुस्लिम एकता मंच गुड़गांव के चेयरमैन हाजी सज्जाद खान ने बताया कि जिस स्थल पर शुक्रवार को नमाज पढ़ी गई उसके ठीक सामने के प्लॉट को जिला प्रशासन ने तय किया था। उस प्लॉट के मालिक के मना करने पर सामने के प्लॉट में नमाज पढ़ी जाने लगी।
अब पुलिस यहां नमाज पढ़ने से मना कर रही है। वहीं सेक्टर-9ए थाना एसएचओ इंस्पेक्टर सुधीर ने बताया कि बसई चौक के आसपास कोई भी स्थान नमाज के लिए तय नहीं किया गया था। यहां पहली बार नमाज पढ़ी गई।
हाजी सज्जाद खान ने आरोप लगाया कि पुलिस ने मौके पर लोगों को धमकाया। इमाम को भी जबरन पकड़ थाने ले जाया गया। बड़ी संख्या में लोग थाने पहुंचे तो इमाम को छोड़ा गया। इसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पंचायत की। शनिवार को ये लोग सीपी और डीसी से मिलेंगे।