भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मोब लिंचिंग पर विवादित बयानदिया है। उन्होंने अपने सरकार का बचाव करते हुए कहा है कि भीड़ द्वारा हत्या के सबसे ज्यादा केस साल 2011 से 2013 के बीच यानी कांग्रेस शासनकाल के दौरान सामने आए थे।
उन्होंने कहा, “मैं तुलना करके इस मुद्दे को हल्का नहीं करना चाहता। मैं इसे लेकर काफी सीरियस हूं। लेकिन यह सच है कि साल 2011, 2012 और 2013 में लिंचिंग के कई मामले सामने आए थे। हमारे तीन साल के कार्यकाल के दौरान जितने मामले नहीं हुए, उससे ज्यादा एक साल में इनके (कांग्रेस) कार्यकाल में हुए। मगर कभी यह सवाल नहीं उठाया गया।”
दरअसल, अमित शाह शुक्रवार को गोवा में नगर निकाय और पंचायत प्रतिनिधियों के साथ एक कार्यक्रम में मौजूद थे। इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी ऐसे शासन को लेकर प्रतिबद्ध है जिसमें सभी समुदायों के साथ समान व्यवहार हो। इसके बाद उन्होंने कहा कि गोवा में कांग्रेस की सरकार के दौरान साल 1976 में गौवध पर प्रतिबंध लगाया गया था।
फिर उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक बीफ पर प्रतिबंध की बात है, इसे लागू करने वाली भाजपा नहीं है। गोवा में पहले से गौ हत्या बंदी है। यह साल 1976 से यहां है और यह तब हुआ था जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, लेकिन किसी ने कांग्रेस से सवाल नहीं पूछा।’’
गौरतलब है कि फिछले कई महीनों से मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद भीड़ द्वारा गौ-तस्करी या गौमांस खाने का आरोप लगाकर दर्जों लोगों की हत्या हुई। इसको लेकर देश और विदेश में सरकार के नेतॉत्व पर सवाल खड़े किए गए हैं। हाल ही में 29 जून को झारखंड के रामगढ़ इलाके में अलीमुद्दीन नाम के मुस्लिम व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी।