मस्जिदों का मालिक अल्लाह है और किसी मौलवी के कहने से मस्जिदें किसी के भी हवाले नहीं की जा सकती हैं । ये बयान दिया है एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने। राम जन्मभूमि मामले पर शिया वक्फ बोर्ड के सुप्रीम कोर्ट को सौंपे हलफनामे के जवाब में औवेसी ने ये बात कही है। हलफनामे में शिया वक्फ़ बोर्ड ने विवादित स्थल से अलग मस्जिद बनाने की बात कही गई है।
सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश के शिया केंद्रीय वक्फ बोर्ड ने कहा है कि अयोध्या में विवादित स्थल से उचित दूर पर किसी मुस्लिम बाहुल्य वाले इलाके में मस्जिद बनाई जा सकती है।
इसी हलफनामे को लेकर ओवैसी ने रविवार को ट्वीट किया, ‘मस्जिदें महज किसी मौलाना से कहने से नहीं दी जा सकतीं। इनका मालिक कोई मौलाना नहीं बल्कि अल्लाह है। एक बार बनी मस्जिद, हमेशा मस्जिद रहती है।’
ओवैसी ने कहा, ‘मस्जिदों की देखरेख शिया, सुन्नी, बरेलवी, सूफी, देवबंदी, सलाफी, बोहरी कोई भी कर सकते हैं, लेकिन वह मालिक नहीं हैं । अल्लाह मस्जिदों का मालिक है।’ उन्होंने कहा, ‘मस्जिदें वे लोग बनाते हैं जो कयामत के दिन में भरोसा रखते हैं और केवल अल्लाह से डरते हैं। मस्जिद में नमाज पढ़ना मुसलमानों का फर्ज है, यह हिफाजत है।’