इजराइल गृहयुद्ध की कगार पर हैः मोसाद का पूर्व प्रमुख

यूरोश्लम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार ज़ायोनी शासन की ख़ुफ़िया एजेन्सी मोसाद के पूर्व प्रमुख तामीर पारदू ने इस्राईल के सामने मौजूद समस्याओं के बारे में कहा कि इस्राईल के सामने सबसे बड़ा ख़तरा, हमास या हिज़्बुल्लाह सहित प्रतिरोध या ईरान के मीज़ाइल नहीं हैं बल्कि इस्राईल के लिए सबसे बड़ा ख़तरा आंतरिक उपद्रव और अशांति है।

उन्होंने इससे पहले यह भी कहा था कि इस्राईल, गृहयुद्ध की ओर बढ़ रहा है और फ़िलिस्तीनियों के साथ समस्याओं के समाधान में अक्षमता ने इस्राईल की पोज़ीशन बदतर कर दी है।

मोसाद के पूर्व प्रमुख ने इस्राईल की साइबर गतिविधियों के बारे में कहा कि इस्राईल साइबर स्पेस के क्षेत्र में अकेला खिलाड़ी नहीं है क्योंकि लेबनान का हिज़्बुल्लाह भी जानता है कि किसी प्रकार इन्टरनेट को अपने हित के लिए प्रयोग किया जाता है।

ज्ञात रहे कि इस्राईल के प्रधानमंत्री बिन यामीन नेतेनयाहू पर व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार के आरोप के कारण उनके त्यागपत्र की मांग बढ़ रही है।

ये मामले नेतनयाहू पर धनवान व्यापारियों से क़ीमती तोहफ़े लेने और एक अख़बार से अपनी सरकार की अच्छी छवि पेश करने के बदले में उससे सौदेबाज़ी करने के इल्ज़ाम पर आधारित हैं। नेनतयाहू ने किसी तरह के भ्रष्टाचार में लिप्त होने का खंडन किया है।

विश्व यहूदी कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष रोनल्ड लॉडर ने नेतनयाहू और उनके बेटे को बहुत क़ीमती तोहफ़े दिए हैं जिसमें क़ीमती कपड़े शामिल हैं।

इसी तरह बिन्यामिन नेतनयाहू से, फ़्रांस के अर्नाड मिमरन नामक एक धोखेबाज़ व्यक्ति से 2009 के चुनावों में प्रचार अभियान के ख़र्च के लिए 11 लाख डॉलर क़ुबूल करने के मामले में भी पूछताछ चल रही है।

इसी तरह जर्मनी की जहाज़ बनाने की वाली कंपनी थीसन क्रुप मरीन सिस्टम से 3 पनडुब्बी ख़रीदने के समझौते में भी नेतनयाहू से उनके रोल के संबंध में पूछताछ करने की मांग हो रही है।