सेकुलर एकता का आंदोलन अधिक तेज़ की जाए: अतुल कुमार अंजान

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय सेक्रेटरी और आल इंडिया किसान सभा के जनरल सेक्रेटरी कामरेड अतुल कुमार अंजान का ख्याल है कि त्रिपुरा में कम्युनिस्ट पार्टी की हार और भाजपा की जीत कोई मायनी नहीं रखती, इसलिए भाजपा वालों को इस जीत पर बहुत बगलें बचाने की ज़रूरत नहीं है। क्योंकि त्रिपुरा में भाजपा को सामूहिक तौर पर जितने वोट हासिल हुए हैं, उससे हम सिर्फ 6 हजार वोटों से पीछे रह गए हैं।

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‘इंकलाब’ से टेलीफोन पर इस संबंध में बातचीत के दौरान इस हार के वजह के संबंध से पूछे गये एक सवाल के जवाब में कम्युनिस्ट नेता ने कहा कि सच पूछिए तो इस हार ने अब हम सभी को एक नई राह दिखाई है और अब देशव्यापी पैमाने पर सेकुलर शक्तियों के एकता के रास्ते साफ़ और आसन हो जाएँगी।

उनका कहना था कि त्रिपुरा में कम्युनिस्टों को पीछे हटाने में दरअसल कांग्रेसियों की भूमिका संदिग्ध रहा है जिका कोई बड़ा नेता चुनाव की पोस्टर अभियान के दौरान त्रिपुरा नहीं पहुंचा, इस लिए पिछले चुनाव में त्रिपुरा में कांग्रेस को जो 29 फीसद वोट मिले थे, वह कम होकर सिर्फ तीन फीसद तक ही सीमित रह गये जिसके नतीजे में भाजपा को दखलंदाजी का मौक़ा नसीब हो गया।