मुंबई: गोश्त खाने वालों को फ्लैट देने से अब मना किया तो खैर नहीं

मुंबई में अब उन बिल्डर्स या मकानमालिकों की ख़ैर नहीं जो मांसाहारी लोगों को फ्लैट बेचने से मना कर देते हैं।

मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने बुधवार को मुंबईवासियों से उन लोगों के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराने को कहा है जो मांस खाने वालों को फ्लैट नहीं बेचते।

बीएमसी की इम्प्रूवमेंट कमिटी ने उन बिल्डरों के खिलाफ आवाज उठाने को कहा है जो फ्लैट बेचने में लोगों के बीच भेदभाव करते हैं। बीजेपी को छोड़कर ज्यादातर कॉरपोरेटर्स ने इस मामले में बिल्डर्स के खिलाफ एक्शन की मांग की है, जिसमें पानी रोकना, बिजली कनेक्शन काटना शामिल है।

हालांकि बीएमसी अधिकारियों ने कानून एवं व्यवस्था का हवाला देते हुए इस तरह की कार्रवाई करने से मना कर दिया, क्योंकि यह राज्य सरकार का काम है।

बीएमसी के चीफ अजॉय मेहता ने कहा कि प्रोजेक्ट प्राइवेट जमीनों पर बने हैं, इसलिए निकाय संस्था का रोल सिर्फ उनके तकनीकी पहलुओं और अप्रूवल जारी करने तक ही सीमित है।

पिछले साल एमएनएस नेता और दादर के शिवाजी पार्क इलाके के पूर्व कॉरपोरेटर संदीप देशपांडे ने बीएमसी को उन लोगों को अस्वीकृति, प्रारंभिक प्रमाणपत्र (सीसी) जारी नहीं करने की मांग की थी जो जो गैर-शाकाहारी खाने वालों को फ्लैट बेचने से इनकार करते हैं।

मुंबई में मांसाहारी के नाम पर फ्लैट नहीं बेचने से मना करने के कई मामले सामने आए हैं। यही नहीं सोसायटी में मांसाहारी लोगों को किराए से मकान तक नहीं दिए जाते हैं।